सीधी(ईन्यूज़ एमपी)-काम करनें की ललक व्यक्ति को नौकर से मालिक बना सकती है, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की सहायता से इसे चरितार्थ किया अधियारखोह वार्ड नं. 8 सीधी निवासी 28 वर्षीय नवयुवक विनोद कुमार कोरी ने। विनोद कुमार अनुसूचित जाति के एक साधारण परिवार का सदस्य है। सीमित आर्थिक संसाधन होने के कारण वह छठवीं से आगे की पढ़ाई नही कर सका, एवं जीवन यापन के लिए शहर की कई किराना एवं जनरल स्टोरो में मजदूरी करके पत्नी दो बेटे एवं दो बेटियों का पालन पोषण बढ़ी तंगी से कर रहा था। मन में एक सपना जरुर था स्वयं की दुकान का, लेकिन 8-10 लाख की पूंजी का इंतजाम टेड़ी खीर थी। विभिन्न दुकानों में मजदूरी करते-करते उसे कार्य का पूर्ण अनुभव हो गया था जिससे उसका मालिक बनने का सपना दिनों दिन परवान चढ़ता रहा। एक दिन जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यपालन अधिकारी ए.एस. शुक्ला दैनिक उपयोग का सामान खरीद रहे थे, बातो ही बातो में विनोद कुमार की आखो में एक अलग उत्साह देख कर उसका परिचय प्राप्त किया तथा अनुसूचित जाति के बेरोजगार इस नवयुवक को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की विस्तृत जानकारी दी, तथा उसे दूसरे दिन कलेक्ट्रेट स्थित जिला अन्त्यावसायी समिति में बुलाकर स्वरोजगार का ऋण आवेदन तैयार कराया। जनरल स्टोर में लगने वाली 8-10 लाख की पूॅजी हेतु बैक गारंटी की चिन्ता उसके मन मे सता रही थी जिसके बारे में कार्यपालन अधिकारी द्वारा बताया गया कि आपके ऋण की गारंटी म.प्र.शासन लेगा आप गारंटी की चिन्ता न करे इससे खुश होकर विनोद अच्छे स्थान पर किराये की दुकान की खोज मे लग गया। भाग्य ने साथ दिया एवं खास जमोडी तिराहे में उसे 8000/- रूपये प्रतिमाह किराये पर दुकान मिल गई। इसी बीच विनोद का ऋण यूनियन बैक शाखा तेदुआ से 10 लाख रूपये का स्वीकृत हो गया इससे मानो विनोद कुमार के सपने साकार होते दिखने लगे। अन्त्यावसायी समिति द्वारा 2.00 लाख रूपये मार्जिग मनी अनुदान भी स्वीकृत कर दिया गया । फलतः जुलाई 16 में यूनियन बैक तेदुआ द्वारा जनरल स्टोर के लिये 10.00 लाख रूपये का ऋण वितरित किया गया। विनोद कुमार ने दुकान में आवश्यक आलमारी, काउन्टर आदि की व्यवस्था कर एक व्यवस्थित जनरल स्टोर स्थापित कर लिया। विनोद कुमार की लगन का यह परिणाम सामने आया जो दूसरो के यहाॅ 4-5 हजार रूपये की नौकरी कर रहा था, वह आज मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की बदौलत खुद 02 लोगो को रोजगार दे रहा है तथा लगभग 40000/- रूपये मासिक लाभ अर्जित कर रहा है। जिससे 10000/- बैक की नियमित किस्त अदायगी करते हुये अपने परिवार का अच्छी तरह से भरण-पोषण कर रहा है। आज विनोद कुमार के बच्चे अच्छी स्कूलो में शिक्षा ग्रहण कर कर रहे है। विनोद कुमार अपने समुदाय के पढे लिखे बेरोजगार भाईयो और बहनो तक यह संदेश पंहुचाना चाहता है कि नौकरी के लिए इधर उधर भटकने की जरुरत नहीं है। अगर आपके अन्दर कुछ कर दिखाने की ललक है तो विभिन्न जन कल्याणकारी स्वरोजगार योजनायें अनुुसूचित जाति के भाईयो एवं बहनो के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित की गई है जिनके माध्यम से हम खुद का स्वरोजगार स्थापित कर नौकर नहीं मलिक बन सकते है, जिसका उदाहरण वह स्वयं है।