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नशे में शख्स ने 150 फीट नीचे खाई में लगा दी छलांग,गाव वालो की मदद से युवक को सुरक्षित बाहर निकाला

महू /इंदौर (ई न्यूज एमपी)-.शहर के टूरिस्ट प्लेस पातालपानी में सोमवार सुबह नशे में एक शख्स ने झरने के ऊपर से 150 फीट नीचे खाई में बने कुंड में छलांग लगा दी। कुंड के पानी में गिरने से वह बच गया, इसके बाद उसे गांव के लोगों और पुलिस वालों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद निकाला गया। इसके तुरंत बाद हॉस्पिटल में एडमिट किया गया।

दरअसल, मानपुर के रहने वाले कालू पिता आशाराम भील पातालपानी में झरने पर पहुंचा। कुछ देर खड़े रहकर उसने कपड़े उतारे और सीधे कुंड में कूद गया।

- वहां मौजूद गांव वालों ने पुलिस का सूचना दी। बड़गोंदा पुलिस ने गांव के लोगों की मदद से उसे करीब दो घंटे में कुंड से सुरक्षित निकाल लिया। ये पहली बार है, जब पातालपानी के कुंड में से किसी को सुरक्षित बाहर निकाला गया हो।

- मध्यभारत हॉस्पिटल में शख्स ने बताया उसने रेलवे काॅलोनी की दुकान से देसी शराब का क्वार्टर लेकर पीया था। नशे में होने से वह पुलिस को अलग-अलग बयान दे रहा था। शख्स के होश में आने के बाद ही मामला क्लियर होगा।

चश्मदीद के मुताबिक, शख्स बोतल से कुछ पीया, कपड़े उतारे और कुंड में छलांग लगा दी
- वहां मौजूद एक शख्स ने बताया कि " मैं सामने वाली पहाड़ी से गाय लेकर जा रहा था। मैंने झरने की तरफ देखा तो एक शख्स ने पहले बोतल से कुछ पिया, फिर अपने कपड़े उतारे और दौड़ता हुआ आया और हवा में हाथ हिलाते हुए नीचे कुंड में छलांग लगा दी। यह देखते ही मैं तत्काल नीचे भागा और देखा तो वह कुंड में तैर रहा था। मैंने ऊपर से ही उसे आवाजें दीं और चट्‌टान के समीप जाने को कहा। फिर मैं दौड़कर पार्किंग मैं मौजूद लोगों के पास गया। वहां से पुलिस को सूचना की। इसके बाद मैं अपने दोस्त राधेश्याम को लेकर 150 फीट नीचे कुंड में उतरा और उसके पास सबसे पहले पहुंचा। वहां जाते ही उससे बोला चल बाहर निकल। वह बोला मुझे मरना है, तुम जाओ। करीब 15 मिनट बाद ही पुलिस भी पहुंची। पुलिस से युवक बोला कपड़े लाओगे तभी ऊपर आऊंगा।

यहां बड़ी चूक है हादसों का कारण
- जैसे लोगों के बयानों में आ रहा उसने झरने पर कपड़े उतारे, उसके बाद बोतल से कुछ पीया और फिर छलांग लगाई। इसका मतलब मौके पर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं था।
- झरने वाली जगह को पूरी तरह रैलिंग से कवर किया गया है, लेकिन रैलिंग की ऊंचाई कम होने से कोई भी आसानी से उसे पार कर झरने तक पहुंच जाता है।
- यहां पर रेस्क्यू के लिए कोई संसाधन नहीं है, गांव वाले ही सबसे पहले बचाव कार्य करते हैं। इस बार भी यही हुआ।
- हर बार की तरह इस बार भी पुलिस का कहना है कि फोर्स की कमी के चलते वहां कोई सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं है, इसलिए व्यवस्था नहीं की जा सकती।

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