पटना (ई न्यूज एमपी)-बिहार के अररिया जिले में 5 महीने पहले गीता (बदला हुआ नाम) नाम की एक महिला के साथ गैंगरेप की घटना घटी थी. इस जघन्य घटना में उसी पीड़ित महिला के रिश्तेदार और पड़ोसी शामिल थे. पिछले 5 महीनों से गीता न्याय के लिए दर-दर भटक रही थी मगर उसे न्याय नहीं मिला. अब पांच माह बाद उसकी शिकायत पर कार्रवाई हुई है. जिस दौरान यह घटना घटी उस वक्त महिला का पति पंजाब में था. वहां वह दिहाड़ी मजदूर का काम करता है. घटना की जानकारी मिलने के बाद गीता का पति अपने गांव पर आया. न्याय की उम्मीद में गीता के कहने पर गांव में पंचायत बैठी जहां पर गीता ने अपना दुखड़ा रोया और न्याय की गुहार लगाई. मगर हद तो तब हो गई जब पंचायत ने गीता को ही बदचलन और चरित्रहीन करार दे दिया. गीता का पति जो इस दौरान वहीं पर मौजूद था उस ने भी गीता का साथ नहीं दिया और पंचायत के फैसले में उसने भी अपनी हामी भरी. जिस पति के भरोसे गीता न्याय की लड़ाई लड़ना चाहती थी उसी पति के कहने पर आरोपियों ने गीता के बाल काट दिए और उसे बेइज्जत किया. गांव के पंचायत में बेइज्जती के बावजूद भी गीता ने हिम्मत नहीं हारी और पति का घर छोड़ कर वापस अपने मायके आ गई और अपनी आपबीती को लेकर वह दिल्ली पहुंच गई जहां उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को घटना की जानकारी मिलने के बाद उस ने आदेश दिया कि अररिया की स्थानीय पुलिस इस पूरे मामले में गीता की शिकायत पर FIR दर्ज करें और अभियुक्तों को गिरफ्तार करें. गौरतलब है कि 5 महीने बीत जाने के बाद और मानवाधिकार आयोग के पहल के बाद कुछ दिन पहले स्थानीय पुलिस ने इस पूरे मामले में 23 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया जिनमें से छह नामजद को गिरफ्तार कर लिया गया है. गीता का पति फिलहाल फरार चल रहा है. अररिया के डीएसपी कुमार देवेंद्र ने बताया कि गीता के साथ इस महीने में सामूहिक बलात्कार की घटना घटी थी जिस वक्त जिले में बाढ़ का प्रकोप आया था. डीएसपी ने बताया कि मानव अधिकार आयोग की चिट्ठी मिलने के बाद इस पूरे मामले में FIR दर्ज किया गया है और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी अभियुक्तों की भी तलाश चल रही है.