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चारा घोटाला पर आज आएगा CBI कोर्ट का फैसला

रांची(ई न्यूज एमपी)-बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाला में शनिवार को रांची की सीबीआई स्पेशल कोर्ट फैसला देगी। सुनवाई के दौरान लालू समेत सभी 22 आरोपियों को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया गया है। सुबह लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी कोर्ट पहुंचे, लेकिन फैसला दोपहर 3 बजे आने पर वह हाजिरी लगाकर गेस्ट हाउस लौट गए। बता दें कि 900 करोड़ के चारा घोटाले में यह 33वां और लालू से जुड़ा दूसरा फैसला होगा। लालू पर चारा घोटाले के 7 केस दर्ज हैं। एक केस में उन्हें 6 साल की सजा हो चुकी है। लालू के खिलाफ 5 अन्य केस में सुनवाई जारी है।


फैसले से पहले लालू ने क्या कहा?
- रांची के रेलवे गेस्ट हाउस में लालू ने मीडिया से कहा, ''मुझे ज्यूडिशियरी सिस्टम पर पूरा भरोसा है। सभी को इंसाफ मिल रहा है, हमें भी मिलेगा। मैं पिछड़ी जाति से हूं, मुझे भी इंसाफ मिलेगा। एक ही मुर्गी को 9 बार हलाल किया जा रहा है। वकीलों में सभी जरूरी सबूत कोर्ट को दिए हैं, जो बरी होने के लिए काफी हैं।''

- वहीं, शुक्रवार शाम रांची एयरपोर्ट पर लालू ने कहा था, ''अगर मैंने किसी से पैसा लिया तो सीबीआई सबूत दे। आखिर किस बात की मुझे सजा दिलाना चाहते हैं। 20 साल से मुझे परेशान किया जा रहा है। ज्यूडीशियरी सिस्टम पर पूरा भरोसा है। टू जी की तरह इसमें भी फैसला आएगा। बीजेपी और सीबीआई मुझे और परिवार को परेशान कर रही है।''

CBI ने 100 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज कराए
-केस की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में 1996 से चल रही है। सीबीआई ने 100 से ज्यादा गवाहों का बयान दर्ज कराया है। कई दस्तावेज भी अदालत में चिह्नित कराए हैं। आरोपियों की ओर से भी बचाव में गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसले की तारीख तय की गई।

चारा घोटाले में कौन-कौन आरोपी?
- लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्र के अलावा अन्य आरोपियों में बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, जगदीश शर्मा, आरके राणा, ध्रुव भगत, फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, एसी चौधरी, डॉ कृष्ण कुमार प्रसाद, सुधीर भट्टाचार्य, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, संजय अग्रवाल, ज्योति झा, गोपीनाथ दास, सुनील गांधी, सरस्वती चंद्र, साधना सिंह, राजाराम जोशी और सुशील कुमार शामिल हैं।

आरजेडी सुप्रीमो पर पद के दुरुपयोग का आरोप
- तब बिहार के सीएम और वित्त मंत्री लालू प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की इंक्वायरी के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 96 तक अटकाए रखा। फिर 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया, तब तक चारा घोटाले का मामला सामने आ चुका था।

- आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े 7 मामले हैं। एक में फैसला आ चुका है। शनिवार को देवघर जिले के दूसरे केस में फैसला आना है। पांच में सुनवाई जारी है।

कैसे हुआ था चारा घोटाला?
- चारा घोटाले में 900 करोड़ रुपए के हेरफेर का आरोप है। इस दौरान देवघर ट्रैजरी (कोषागार) से अवैध तरीके से 1991 से 1994 के बीच 6 फर्जी आवंटन पत्र से 89,04,413 रुपए निकाले गए। जबकि बिहार सरकार की ओर से दवा और चारा की खरीदारी के लिए सिर्फ 4 लाख 7 हजार रुपए ही पास किए गए थे।

- चाईबासा कोषागार से गलत तरीके से पैसा निकालने के मामले में लालू यादव को सजा सुनाई जा चुकी है। 1997 में वह पहली बार जेल गए थे। उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी। फिलहाल वो जमानत पर हैं।

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