जयपुर(ई न्यूज एमपी)-डॉक्टरों और सरकार के बीच झगड़े की वजह से राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा आने लगी है. एक तरफ राजस्थान के सेवारत डॉक्टर 18 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान करते हुए अस्पताल के बाहर टेंट लगाकर बैठ गए हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने कठोर कार्यवाही का संदेश देने के लिए मरीजों के देखने के लिए डॉक्टरी पेशा को अति आवश्यक सेवा के अधीन इमरजेंसी डिक्लेयर करते हुए कह दिया कि जो भी डॉक्टर हड़ताल पर जाएगा उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा. दरअसल, जब डॉक्टर नवंबर में 7 दिनों के लिए हड़ताल पर थे तो डॉक्टरों और सरकार के बीच 14 मांगों पर सहमति बनी थी. इस बीच पिछले सप्ताह सरकार ने आंदोलन में भाग लेने वाले 12 डॉक्टर नेताओं का तबादला कर दिया. जिससे नाराज होकर डॉक्टर एक बार फिर से आंदोलन पर उतारू हैं. उधर सरकार ने शुक्रवार को 560 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने का ऐलान किया. यह 560 वो डॉक्टर थे जिन्हें ग्रामीण इलाकों में जॉइनिंग के लिए भेजा गया था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. सरकार ने कठोर रुख अपनाते हुए यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों में ज्वाइन नहीं करने वाले डॉक्टरों को निजी अस्पतालों में भी नौकरी नहीं करने दी जाएगी और ऐसे सभी निजी अस्पतालों से बातचीत की जा रही है कि वह इन डॉक्टरों को नौकरी न दें. साफ है कि सरकार के कठोर कदम के बाद डॉक्टरों और सरकारों में चला आ रहा टकराव बढ़ता दिख रहा है.