सतना(ईन्यूज एमपी)_ अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024) में 176 प्रकरणों में अब तक 1 करोड 60 लाख रूपये की सहायता स्वीकृत की गई है। इस आशय की जानकारी अपर कलेक्टर एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट स्वप्निल वानखडे की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न जिला सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक में दी गई। इस मौके पर जिला संयोजक कमलेन्द्र सिंह, एडीपीओ श्रीकेश यादव, टीआई अजाक अनिल मिश्रा, एएसआई रावेन्द्र कुमार, अरविन्द पटेल, पंकज नामदेव, केशव कोरी, रामकलेश साकेत उपस्थित थे। जिला सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक में बताया गया कि अपै्रल 2024 से दिसंबर 2024 तक जिले में अत्याचार पीड़ितों के 176 प्रकरणों में अब तक 1 करोड 60 लाख रूपये की आर्थिक सहायता हितग्राहियों को स्वीकृत की गई है। जिसमें अनुसूचित जाति के 135 मामलो में 1 करोड 23 लाख रूपये और अनुसूचित जनजाति के 41 मामलों में 37 लाख रूपये की राशि योजना के प्रावधान के तहत स्वीकृत की गई है। बैठक में बताया गया कि अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 की स्थिति में अनुसूचित जाति वर्ग के 148 एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 43 मामले पंजीकृत हुये हैं। जिसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के 9 मामले और अनुसूचित जाति के 1 मामले 2 माह से अधिक समय से लंबित है। अनुसूचित जाति वर्ग के 118 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 37 मामलों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है। अपर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रकरणों के डिस्पोजल में अधिक प्रयास करने की जरुरत है। प्रकरणों का निराकरण तीव्र गति एवं व्यक्तिगत रुचि लेकर निराकरण करने का प्रयास करें। अपर कलेक्टर ने कहा कि अत्याचार निवारण अधिनियम के स्वीकृत प्रकरणों में लंबित भुगतान के लिए बजट आवंटन हेतु शासन को प्रस्ताव भेजें।