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Home विंध्य प्रदेश बड़ी खबर: लोकायुक्त टीम रीवा का रिश्वतखोरी मामले में दूसरा बड़ा खुलासा: जूनियर इंजीनियर 30 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

बड़ी खबर: लोकायुक्त टीम रीवा का रिश्वतखोरी मामले में दूसरा बड़ा खुलासा: जूनियर इंजीनियर 30 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

रीवा (ईन्यूज़ एमपी): रीवा लोकायुक्त की मुहिम ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। मैहर में भ्रष्टाचार के खिलाफ रीवा लोकायुक्त की टीम ने आज फिर से दूसरी बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए ताला बिजली ऑफिस में प्रभारी जूनियर इंजीनियर राकेश पटेल को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह मामला मैहर में लोकायुक्त की एक हफ्ते में दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जिसने इलाके में हड़कंप मचा दिया है।

इससे पहले, मैहर तहसील कार्यालय में राजस्व निरीक्षक राघवेंद्र सिंह और पटवारी अरुण सिंह को लोकायुक्त टीम ने 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। राजस्व विभाग और बिजली विभाग जैसे बुनियादी सेवाओं से जुड़े महकमों में रिश्वतखोरी के इन मामलों ने आम जनता को झकझोर कर रख दिया है।

ताजा मामला: बिजली चोरी का डर दिखाकर रिश्वत वसूली
शिकायतकर्ता सुशील कुमार कुशवाहा, निवासी ग्राम भड़रा, ने लोकायुक्त को शिकायत दी थी कि जूनियर इंजीनियर राकेश पटेल ने उसे बिजली चोरी का फर्जी प्रकरण बनाकर 67,000 रुपये की रिश्वत देने की धमकी दी। लोकायुक्त ने मामले की जांच शुरू की, जिसमें आरोप सही पाया गया। सत्यापन के बाद, आज 17 दिसंबर 2024 को आरोपी को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

पहला मामला: राजस्व विभाग की काली करतूत
बतादें कि आज ही लोकायुक्त टीम ने तहसील कार्यालय मैहर में राजस्व निरीक्षक राघवेंद्र सिंह और पटवारी अरुण सिंह को जमीन के सीमांकन के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था। इन अधिकारियों ने पहले ही शिकायतकर्ता से 25,000 रुपये वसूल लिए थे और बाकी की रकम के लिए दबाव बना रहे थे।

लोकायुक्त की सख्ती और भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार:
दोनों मामलों की कमान लोकायुक्त रीवा के प्रभारी पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार ने संभाली। बिजली विभाग के मामले में कार्रवाई का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र कुमार ने किया, जबकि तहसील कार्यालय मामले में निरीक्षक जिया उल हक ने टीम का नेतृत्व किया। दोनों ही मामलों में लोकायुक्त टीम ने योजनाबद्ध तरीके से रिश्वतखोर अधिकारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

मैहर में लगातार दो बड़े ट्रैप ने प्रशासन की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजस्व विभाग हो या बिजली विभाग, दोनों जगहों पर आम जनता को काम कराने के लिए रिश्वत देना पड़ रहा था। अब सवाल यह है कि इन विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कब तक लगाम लगाई जाएगी?

लोकायुक्त की इन कार्रवाइयों से आम जनता को उम्मीद जरूर जगी है। शिकायतकर्ता सुशील कुमार कुशवाहा और अनिल कुशवाहा जैसे लोगों ने अपनी हिम्मत से भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब किया है।


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