सीधी (सचीन्द्र मिश्र): मध्यप्रदेश के सीधी जिले में इस वक्त भाजपा की राजनीति पूरी तरह गरमा चुकी है। संगठन के महारथी मूर्धन्य पत्रकार और प्रदेश मंत्री लोकेन्द्र पराशर के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता बृज बिहारी लाल शर्मा और मोतीलाल सिंह पटेल 5 नवंबर को जिले में संगठनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेंगें । उनके दौरे का प्रमुख उद्देश्य जिले के नए जिला अध्यक्ष का चयन है। एक तरफ जहां जिले के मौजूदा अध्यक्ष देव कुमार सिंह की ताजपोशी को लेकर अटकलें जारी हैं, वहीं दूसरी तरफ ओबीसी कार्ड खेलने की संभावनाएं भी चर्चा में हैं। देव कुमार सिंह का 'राजनीतिक पुनः राज्याभिषेक' या ओबीसी कार्ड का नया अध्याय? पार्टी के मौजूदा जिला अध्यक्ष देव कुमार सिंह पर पार्टी का भरोसा एक बार फिर बनेगा या नहीं, इस सवाल पर चर्चाएं तेज हैं।जिले में कई उम्मीदवार अध्यक्ष पद के दावेदार हैं, क्या इस बार बीजेपी पारंपरिक क्षत्रिय-ब्राह्मण वर्चस्व को कायम रखेगी या राजनीतिक संतुलन साधते हुए ओबीसी कार्ड खेलने का बड़ा दांव लगाएगी? जिले में इस सवाल ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। बतादें कि क्षत्रिय-ब्राह्मण बनाम ओबीसी: बीजेपी के परंपरागत समीकरणों में बदलाव की उम्मीद? सीधी जिले में बीजेपी के जिला अध्यक्ष पद पर दशकों से क्षत्रिय और ब्राह्मण नेताओं का वर्चस्व रहा है। जिले के कई दिग्गजों, जैसे पूर्व सांसद गोविंद मिश्र, पूर्व विधायक केदारनाथ शुक्ला, वर्तमान सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, वरिष्ठ नेता पूर्व जिला अध्यक्ष बृज बिहारी लाल शर्मा,पूर्व जिला अध्यक्ष केके तिवारी, इंद्र शरण सिंह, और लालचंद गुप्ता जैसे नामों ने संगठन में अपने कद और प्रभाव से इस पद को लंबे समय तक सवर्ण प्रतिनिधित्व का ही प्रतीक बना रखा था। इस पृष्ठभूमि को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या बीजेपी अपने इस इतिहास को दोहराएगी, या वर्तमान सांसद और विधायकों की सामाजिक पृष्ठभूमि के मद्देनजर ओबीसी समुदाय को यह अवसर देगी? "भाजपा के कार्यकर्ताओं में पराशर का दौरा माहौल को और गर्म करेगा " लोकेन्द्र पराशर के दौरे को लेकर जिले के कार्यकर्ताओं में गहरी उत्सुकता है। उनके साथ वरिष्ठ नेता बृज बिहारी लाल शर्मा और मोतीलाल सिंह पटेल भी संगठनात्मक रणनीतियों और राजनीतिक समीकरणों को भांपने में जुटेंगे। यह तीनों नेताओं की टीम जिले की राजनीतिक बिसात का आंकलन करेगी और आने वाले जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच संवाद करेगी। "बीजेपी के अध्यक्ष पद के फैसले से जिले की राजनीतिक दिशा और दशा तंय होनी है "बीजेपी के लिए यह फैसला न केवल जिले के राजनीतिक माहौल को प्रभावित करेगा बल्कि पार्टी की आगामी योजनाओं और दिशा को भी तय करेगा। अध्यक्ष पद पर किसे चुना जाएगा, इस पर सीधी जिले की राजनीति की दिशा भी निर्भर करेगी। क्या इस बार ओबीसी समुदाय को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और पार्टी सामाजिक संतुलन की राजनीति को प्राथमिकता देगी, या फिर सवर्ण वर्चस्व को कायम रखा जाएगा? सीधी जिले में राजनीतिक बिसात पर यह सवाल अब तक का सबसे बड़ा दांव बनकर उभर रहा है। पार्टी के नेताओं के दौरे में जिले की संगठनात्मक गतिविधियों का जायजा लिया जाएगा। इस बीच जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों में राजनीतिक गहमागहमी भी चरम पर है। प्रत्येक दावेदार इस पद के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटा है। जनता और कार्यकर्ताओं की नजरें अब 5 नवंबर पर टिकी हैं। इस दिन यह स्पष्ट हो सकता है कि सीधी जिले की राजनीति का अगला अध्याय किस दिशा में लिखा जाएगा।