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Home सीधी दर्पण रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सीधी के कलाकारों ने CM को दिखाया अपना जौहर, बघेली संस्कृति का अद्भुत नजारा

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सीधी के कलाकारों ने CM को दिखाया अपना जौहर, बघेली संस्कृति का अद्भुत नजारा

सीधी(ईन्यूज़ एमपी): कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने विंध्य क्षेत्र की संस्कृति और परंपराओं को मंच पर प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण सीधी के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक नृत्य और संगीत की झलक रही, जिसने अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पहली बार आयोजित इस कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्वागत बघेलखण्ड की प्राचीन परंपरा और बघेली लोक संस्कृति के अनुसार किया गया, जो विन्ध्य क्षेत्र की समृद्ध धरोहर को सामने लाया।

स्वागत के दौरान प्रमुख आकर्षण गुदुम नृत्य रहा, जिसे सीधी जिले के ग्राम बकबा मड़वास के लाल बहादुर घासी और दान बहादुर घासी के दल ने प्रस्तुत किया। यह नृत्य बघेलखण्ड की अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसमें कलाकार गुदुम बाजा के संगीत के साथ अपनी ऊर्जा और उत्साह को प्रदर्शित करते हैं। कार्यक्रम में लोक संगीत की गूंज ने पूरे परिसर को अपने में समेट लिया, और दर्शकों ने कलाकारों की प्रस्तुति का भरपूर आनंद उठाया।

सैला और अहिराई नृत्य की धूम
इसके अलावा, सैला नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति भी दी गई, जिसे ग्राम बकबा मड़वास के चंद्रभान सिंह और नरेंद्र सिंह के दल ने पेश किया। सैला नृत्य विन्ध्य क्षेत्र का पारंपरिक नृत्य है, जो फसल कटाई के बाद ग्रामीण जीवन की खुशी और उत्साह को दर्शाता है। नृत्य के दौरान कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपने कदमों की ताल से दर्शकों को मोहित कर दिया।

इसी तरह, अहिराई नृत्य को भी कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया, जो ग्राम रामपुर तहसील गोपदबनास के राजभान साहू और शिवकरण यादव के दल द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस नृत्य में ग्रामीण जीवन की सादगी और उनकी मेहनत का भाव झलकता है, जिसने दर्शकों को विन्ध्य क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आत्मीय स्वागत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री का स्वागत बघेलखण्ड के लोक कलाकारों ने किया, जिससे पूरा माहौल जीवंत हो उठा। मुख्यमंत्री ने भी इस स्वागत को विन्ध्य क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रति सम्मान के रूप में स्वीकार किया। इसके साथ ही, डॉ. यादव ने उद्योगपति स्वर्गीय श्री रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की, और उनके योगदान को याद करते हुए उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण राजनैतिक और प्रशासनिक हस्तियों की उपस्थिति रही। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, राज्य मंत्री राधा सिंह, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद सीधी डॉ. राजेश मिश्रा, सांसद रीवा जनार्दन मिश्रा, सांसद सतना गणेश सिंह, कमिश्नर बीएस जामोद, आईजी एमएस सिकरवार, और कलेक्टर प्रतिभा पाल सहित कई अन्य गणमान्य नागरिक और प्रशासनिक अधिकारी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बने।

विन्ध्य की संस्कृति पर आधारित लोक कलाकारों की ऊर्जा से भरी प्रस्तुति

इस अवसर पर स्थानीय लोक कलाकारों ने न केवल विन्ध्य क्षेत्र की परंपराओं को मंच पर सजीव किया, बल्कि अपनी ऊर्जा और समर्पण से आगंतुकों को अभिभूत कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति के संरक्षण और प्रोत्साहन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव न केवल औद्योगिक विकास और संभावनाओं पर केंद्रित रहा, बल्कि इसने विन्ध्य क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाया। यह कार्यक्रम इस बात का प्रतीक था कि कैसे पारंपरिक संस्कृति और आधुनिक उद्योग एक साथ मिलकर क्षेत्रीय विकास की नई संभावनाएं बना सकते हैं।

इस कॉन्क्लेव में क्षेत्रीय उद्योगों, कुटीर और लघु उद्योगों, कृषि, और पर्यटन पर भी चर्चा हुई, जिससे स्थानीय उद्योगपतियों और व्यवसायियों को नए अवसरों और संभावनाओं की जानकारी मिली। बिरला ग्रुप, डालमिया, पतंजलि सहित चार हजार से अधिक उद्योगपतियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कर इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिस्सा लिया।

कुल मिलाकर, यह आयोजन विन्ध्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जो न केवल औद्योगिक विकास बल्कि सांस्कृतिक संरक्षण और प्रोत्साहन की दिशा में भी एक मिसाल बना।

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