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Home सीधी दर्पण सीधी की CMO मिनी ने 'वेस्ट से बेस्ट' तकनीक से बदली शहर की तस्वीर, पेश की अनोखी मिसाल...

सीधी की CMO मिनी ने 'वेस्ट से बेस्ट' तकनीक से बदली शहर की तस्वीर, पेश की अनोखी मिसाल...

सीधी (ईन्यूज एमपी): छोटे शहरों की बड़ी कहानियां अक्सर हमें प्रेरणा से भर देती हैं, और ऐसी ही एक कहानी है सीधी जिले की मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) मिनी अग्रवाल की। आपको बता दें कि जैसा मिनी का नाम है वैसे ही उनकी कद- काठी है, लेकिन अगर उनके कार्य शैली की बात करें तो उनकी कार्यशैली उनके कद से काफी भिन्न दिखाई देती है। दिव्यांगता को पीछे छोड़ते हुए मिनी न केवल शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में जुटी हैं, बल्कि महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी क्रांतिकारी कदम उठा रही हैं। उनकी अगुवाई में सीधी शहर में 'वेस्ट से बेस्ट' जैसे अभिनव पहल की शुरुआत हुई, जो आज पूरे प्रदेश में एक मिसाल बन चुकी है।

संघर्ष से सफलता तक: मिनी अग्रवाल की प्रेरक यात्रा
मिनी अग्रवाल का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा है। जन्म से ही आंशिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद, उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। चार बड़े ऑपरेशन और आठ साल के बिस्तर पर रहने के बावजूद, मिनी ने हार नहीं मानी। 12वीं की परीक्षा पूरी करने के बाद, तीन साल के ब्रेक के बाद उन्होंने बीकॉम की डिग्री ली और फिर 2016 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MP PCS) की परीक्षा पास कर सहायक संचालक उद्योग प्रबंधक का पद हासिल किया। इसके बाद, अपने समर्पण और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) के पद पर अपनी जगह बनाई।

'वेस्ट से बेस्ट': कबाड़ से सुंदरता और स्वच्छता का अनूठा संगम-

सीएमओ मिनी अग्रवाल ने सीधी शहर को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने का जिम्मा उठाया और इसके लिए उन्होंने 'वेस्ट से बेस्ट' पहल शुरू की। इस अभियान के तहत शहर में अनुपयोगी और बेकार पड़े कबाड़ से सुंदर पार्क और सार्वजनिक स्थल तैयार किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की 'सखी' टीम की महिलाएं इस पहल की रीढ़ हैं। उनके सहयोग से वार्ड नंबर 4 और 5 में वेस्ट टू वंडर पार्क बनाए गए, जिनमें कबाड़ से कलात्मक और आकर्षक वस्तुएं तैयार कर पार्कों को सजाया गया है।

सखी टीम की मेहनत और लगन ने न केवल शहर को स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ाया है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के अवसर भी प्रदान किए हैं। गायत्री पार्क और सुभाष पार्क अब सीधी के प्रमुख आकर्षण बन चुके हैं, और महिलाएं अब वेस्ट टू वंडर नाग मंदिर पार्क को विकसित करने की तैयारी में हैं। इस अनूठी पहल ने शहर को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया है, साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभाई है।

शहर की भागीदारी से स्वच्छता की दिशा में बड़ा कदम

मिनी अग्रवाल का स्वच्छता अभियान केवल पार्कों तक सीमित नहीं है। वह शहर के हर नागरिक को इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। हाल ही में, अरविंदो पब्लिक हाई स्कूल में स्वच्छता शपथ और संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए निबंध लेखन और चित्रकला प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। इस तरह के प्रयासों से मिनी का उद्देश्य न केवल शहर को स्वच्छ बनाना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी पैदा करना है।

महिला सशक्तिकरण: स्वच्छता के साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम

'वेस्ट से बेस्ट' पहल के माध्यम से मिनी अग्रवाल ने यह साबित किया है कि स्वच्छता और सृजनात्मकता के साथ-साथ समाज में महिलाओं के लिए रोजगार और सशक्तिकरण के भी दरवाजे खोले जा सकते हैं। महिलाओं को कबाड़ से सुंदर और उपयोगी वस्तुएं बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवारों को आर्थिक सहयोग भी प्रदान कर रही हैं। उनकी मेहनत और रचनात्मकता के परिणामस्वरूप अब सीधी शहर को एक नई पहचान मिल रही है।
सीधी की CMO मिनी ने 'वेस्ट से बेस्ट' तकनीक से बदली शहर की तस्वीर, पेश की अनोखी मिसाल...

सीधी (ईन्यूज एमपी): छोटे शहरों की बड़ी कहानियां अक्सर हमें प्रेरणा से भर देती हैं, और ऐसी ही एक कहानी है सीधी जिले की मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) मिनी अग्रवाल की। आपको बता दें कि जैसा मिनी का नाम है वैसे ही उनकी कद- काठी है, लेकिन अगर उनके कार्य शैली की बात करें तो उनकी कार्यशैली उनके कद से काफी भिन्न दिखाई देती है। दिव्यांगता को पीछे छोड़ते हुए मिनी न केवल शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में जुटी हैं, बल्कि महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी क्रांतिकारी कदम उठा रही हैं। उनकी अगुवाई में सीधी शहर में 'वेस्ट से बेस्ट' जैसे अभिनव पहल की शुरुआत हुई, जो आज पूरे प्रदेश में एक मिसाल बन चुकी है।

संघर्ष से सफलता तक: मिनी अग्रवाल की प्रेरक यात्रा
मिनी अग्रवाल का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा है। जन्म से ही आंशिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद, उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। चार बड़े ऑपरेशन और आठ साल के बिस्तर पर रहने के बावजूद, मिनी ने हार नहीं मानी। 12वीं की परीक्षा पूरी करने के बाद, तीन साल के ब्रेक के बाद उन्होंने बीकॉम की डिग्री ली और फिर 2016 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MP PCS) की परीक्षा पास कर सहायक संचालक उद्योग प्रबंधक का पद हासिल किया। इसके बाद, अपने समर्पण और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) के पद पर अपनी जगह बनाई।

'वेस्ट से बेस्ट': कबाड़ से सुंदरता और स्वच्छता का अनूठा संगम-

सीएमओ मिनी अग्रवाल ने सीधी शहर को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने का जिम्मा उठाया और इसके लिए उन्होंने 'वेस्ट से बेस्ट' पहल शुरू की। इस अभियान के तहत शहर में अनुपयोगी और बेकार पड़े कबाड़ से सुंदर पार्क और सार्वजनिक स्थल तैयार किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की 'सखी' टीम की महिलाएं इस पहल की रीढ़ हैं। उनके सहयोग से वार्ड नंबर 4 और 5 में वेस्ट टू वंडर पार्क बनाए गए, जिनमें कबाड़ से कलात्मक और आकर्षक वस्तुएं तैयार कर पार्कों को सजाया गया है।

सखी टीम की मेहनत और लगन ने न केवल शहर को स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ाया है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के अवसर भी प्रदान किए हैं। गायत्री पार्क और सुभाष पार्क अब सीधी के प्रमुख आकर्षण बन चुके हैं, और महिलाएं अब वेस्ट टू वंडर नाग मंदिर पार्क को विकसित करने की तैयारी में हैं। इस अनूठी पहल ने शहर को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया है, साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभाई है।

शहर की भागीदारी से स्वच्छता की दिशा में बड़ा कदम

मिनी अग्रवाल का स्वच्छता अभियान केवल पार्कों तक सीमित नहीं है। वह शहर के हर नागरिक को इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। हाल ही में, अरविंदो पब्लिक हाई स्कूल में स्वच्छता शपथ और संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए निबंध लेखन और चित्रकला प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। इस तरह के प्रयासों से मिनी का उद्देश्य न केवल शहर को स्वच्छ बनाना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी पैदा करना है।

महिला सशक्तिकरण: स्वच्छता के साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम

'वेस्ट से बेस्ट' पहल के माध्यम से मिनी अग्रवाल ने यह साबित किया है कि स्वच्छता और सृजनात्मकता के साथ-साथ समाज में महिलाओं के लिए रोजगार और सशक्तिकरण के भी दरवाजे खोले जा सकते हैं। महिलाओं को कबाड़ से सुंदर और उपयोगी वस्तुएं बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवारों को आर्थिक सहयोग भी प्रदान कर रही हैं। उनकी मेहनत और रचनात्मकता के परिणामस्वरूप अब सीधी शहर को एक नई पहचान मिल रही है।

सीधी को स्वच्छता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प

मिनी अग्रवाल का मानना है कि यदि संकल्प और मेहनत हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उन्होंने न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में इस बात को साबित किया, बल्कि सीधी शहर के विकास और स्वच्छता में भी इसी सोच को लागू किया है। उनके नेतृत्व में शहर लगातार स्वच्छता और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, और इस प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को और भी मजबूत बना दिया है।

मिनी अग्रवाल के द्वारा किए जा रहे लगातार प्रयास इस बात की जीवंत मिसाल है कि अगर आपके इरादे मजबूत हों, तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। उन्होंने न केवल अपने जीवन में चुनौतियों का सामना किया, बल्कि सीधी को स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण की राह पर अग्रसर किया है। उनकी 'वेस्ट से बेस्ट' पहल ने शहर की तस्वीर बदल रही है और आने वाले समय में यह पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है।

इस पूरे अभियान को सफल बनाने के लिए गौरव सिंह,स्वच्छता प्रभारी,संदीप मिश्र,बीना जायसवाल,अध्यक्ष महिला स्वसहायता समूह का उल्लेखनीय योगदान है।

सीधी को स्वच्छता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प
मिनी अग्रवाल का मानना है कि यदि संकल्प और मेहनत हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उन्होंने न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में इस बात को साबित किया, बल्कि सीधी शहर के विकास और स्वच्छता में भी इसी सोच को लागू किया है। उनके नेतृत्व में शहर लगातार स्वच्छता और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, और इस प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को और भी मजबूत बना दिया है।

मिनी अग्रवाल के द्वारा किए जा रहे लगातार प्रयास इस बात की जीवंत मिसाल है कि अगर आपके इरादे मजबूत हों, तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। उन्होंने न केवल अपने जीवन में चुनौतियों का सामना किया, बल्कि सीधी को स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण की राह पर अग्रसर किया है। उनकी 'वेस्ट से बेस्ट' पहल ने शहर की तस्वीर बदल रही है और आने वाले समय में यह पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है।

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