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सीधी में फिर मिले डायरिया के चार नये मरीज ,नही नसीब हुई एम्बुलेंस, कुसमी से सीधी किया जा रहा रेफर...

भुईमाड़(ईन्यूज़ एमपी)- आदिवासी बाहुल्य वनांचल क्षेत्र कुशमी के हर्रई में डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है , ग्राम पंचायत अमरोला के हर्रई गांव में शनिवार को डायरिया से दो लोगों की मौत हो गई थी तो वही अमरोला मे एक डेढ वर्ष के बालक की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार तीसरे दिन भी हर्रई गांव में लगातार मेडिकल कैंप लगाया गया है। जिसके बाद रविवार को दो लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत की होने एक को जिला अस्पताल सीधी रेफर कर दिया गया था। तो वहीं एक का इलाज प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ में चल रहा था जिसको सोमवार छुट्टी दे दी गई है।

बतादें कि सोमवार को हर्रई गांव में डायरिया के तीन मरीज मिले तो वही एक मरीज हर्रई गांव के बाजू के गांव पुरैइनडोल मे मिली है, जिसमें से दो मरीज को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। शनिवार को जो रीना बैगा की मृत्यु हुई थी उसी के लड़के विनोद बैगा पिता गणेश बैगा उम्र 7 वर्ष को जिसकों रात से उल्टी दस्त की समस्या हुई जिसकों प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ लाया गया एवं पुरैइनडोल गांव की सुगनबाई सिंह पति इंद्रपाल सिंह उम्र 62 वर्ष को सोमवार को तीन बजे सुबह से उल्टी दस्त की शिकायत होने पर प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ लाया गया जहां से विनोद बैगा एवं सुगनबाई सिंह को दोनों मरीजों को जिला अस्पताल सीधी रेफर कर दिया गया। तो वही बुधनी बैगा पति बुधलाल बैगा 55 सोमवार को सुबह 4 बजे से उल्टी दस्त की शिकायत होने पर प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ लाया गया जा उपचार चल रहा है। इसके साथ ही शुभम बैगा शिवपूजन बैगा उम्र 8 महीने को दस्त की शिकायत होने पर प्रथामिक स्वास्थ्य भुईमाड़ मे लाया गया जहाँ उपचार होने के उपरांत छुट्टी दे दिया गया।

प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ एक डाँक्टर व दो स्टाफ नर्स एवं लैब टेक्नीशियन हैं, जिसमें से डाँ. ऋषभ गुप्ता मेडिकल कैंप हर्रई के लिए रवाना हो ऐसे स्थिति में प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र भुईमाड़ मे जब मरीजों की संख्या लगातार बढनें लगी तो कुशमी से सुप्रिया सिंह मेडिकल आँफिसर को भुईमाड़ प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ भेजा गया। भुईमाड़ पंहुचकर मरीजों का उपचार करने के जुट गई।


हर्रई गांव मे घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीसरे दिन अमरोला पंचायत के हर्रई गांव में सी बीएमओं कुशमी अजय प्रजापति व डाँ. ऋषभ गुप्ता द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मेडिकल कैंप लगाकर लोगों को दवा वितरण किया जा रहा है। तो इस दौरान सीएमएचओ डॉक्टर सुनीता तिवारी ने भी मेडिकल कैंप मे पंहुची। कैंप में दवा वितरण के साथ अपील कर रहे हैं कि पानी उबालकर पीने एवं साफ सफाई के साथ बासी भोजन ना करने का सलाह दे रहे हैं। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता हर्रई,अमरोला, ज्वारीटोला के साथ अन्य गावों मे घर घर जाकर जरूरत की मेडिकल सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं एवं किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर तत्काल दवा लेने एवं हॉस्पिटल जाने की सलाह दे रही हैं।

सीधी कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी ने जिले के उपखण्ड कुसमी अंतर्गत ग्राम अमरोला और हर्रई के दो व्यक्तियों के उल्टी दस्त के कारण मृत्यु की जांच हेतु जांच समिति का गठन किया था जिसके बाद सोमवार जांच टीम हर्रई गांव पंहुची जहाँ पीएचसी विभाग पानी का सैंपल पूर्व में ही लिया जा चुका था तो वही सोमवार सीएमएचओ द्वारा मृतक के घर के लोग क्या खा पी रहे सभी राशन सामग्रियों का सैंपल लिया गया इसके साथ ही लोगों से अपील किया कि आप लोग पानी उबाल पिएं, बासी भोजन न करें, किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाएं, अगर किसी को समस्या है वह डॉक्टर को दिखा चुके हैं तो जो दवा डॉक्टर द्वारा दी गई है उस दवा को नियमित डॉक्टर द्वारा बताएं समय पर अवश्य खाएं।

हर्रई गांव में नेटवर्क सुविधा की गंभीर कमी है, जिससे निवासी संचार की मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बीएसएनएल के टावर गांव में स्थापित हैं, लेकिन वे चालू नहीं हो रहे हैं, जिससे मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से अनुपस्थित है। इस स्थिति के कारण गांव के लोग आपातकालीन सेवाओं, शिक्षा, और व्यवसायिक गतिविधियों के लिए भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। टावरों की मरम्मत और कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता है ताकि गांववाले भी आधुनिक संचार और इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठा सकें। यह स्थानीय प्रशासन और टेलीकॉम विभाग के ध्यान देने की आवश्यकता है।




प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र भुईमाड़ में एंबुलेंस सुविधा की गंभीर समस्या है, जिससे क्षेत्रीय निवासियों को चिकित्सा आपातकाल में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। एंबुलेंस की अनुपस्थिति से मरीजों को दूरदराज के अस्पतालों तक पहुँचाना अत्यंत कठिन हो जाता है, जिससे समय पर उपचार की संभावना घट जाती है। इस स्थिति में, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और त्वरित उपचार की संभावना पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस कमी को तुरंत हल करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भुईमाड़ क्षेत्र में के लोग भी उचित चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें। बता दें कि हर्रई गांव में इतनी बड़ी घटना होने के बाद स्वास्थ्य महकमा एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराने मे असमर्थ दिखाई दे रहा है। जहां मरीजों को अमरोला सरपंच पार्वती सिंह के पति शुक्रपाल सिंह के द्वारा प्राइवेट वाहन से मरीजों को हास्पिटल पंहुचवाया गया है। अतः ग्रामीणों ने 108 एंबुलेंस भुईमाड़ के लिए मांग की है।

एक तरफ सरकार विलुप्त होती जा रही बैगा जनजाति समुदाय की सुरक्षा को लेकर तरह- तरह की योजना लागू कर रही है दूसरी तरफ सरकार के ही कोई भी प्रतिनिधि, निर्वाचित जनप्रतिनिधि हर्रई में डायरिया से हुए मौत की घटना के बाद मृतक के घर तीसरे दिन भी परिजनों से मिलने नहीं पंहुचे। जनता जब अपने जनप्रतिनिधि को चुनती हैं तो ये विश्वास के साथ चुनती हैं कि उसके हर दुख सुख में खडे मिलेंगे लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि मिलने तक नहीं पहुंचे। जनप्रतिनिधियों की बात करें तो केवल सरपंच व सरपंच के पति लगातार लोगों के संपर्क में है और लोगों की सेवा कर रहे हैं।

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