विंध्य(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र के एक टाइगर रिज़र्व में स्थित है भगवान राम जानकी मंदिर, जहां 14KM पैदल चलकर कृष्ण जन्माष्टमी के दिन करते है पूजा... विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मंगलवार को कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए पार्क के प्रवेश द्वार,भगवान बंधवाधीश के मंदिर में देश भर से आए 12 हजार श्रद्धालुओं ने 14 किमी पैदल जाकर की पूजा अर्चना।पार्क सहित जिला प्रशासन के किए थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में पहाड़ी पर स्थित भगवान बंधवाधीश मंदिर आम लोगों के प्रवेश एवं पूजा पाठ के लिए 27 अगस्त मंगलवार को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर खोला गया,इस दौरान देश भर से आए 12 हजार श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ किया,श्रद्धालुओं को पार्क के ताला मुख्य प्रवेश द्वार से प्रातः छह बजे से 11 बजे तक प्रवेश की अनुमति थी।प्रवेश द्वारा से होकर घने जंगलों और पहाड़ियों को पार करने के बाद श्रद्धालु भगवान बंधवाधीश के मंदिर में पंहुचकर पाठ करते हैं और यह परंपरा बीते कई सौ वर्षो से निरंतर चली आ रही है,पूरे देश में यह एक अनोखा मामला है की जहां कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर भगवान राम जानकी मंदिर में श्रद्धालु कठिन यात्रा कर पहुंचते हैं,पार्क के दुर्गम और पहाड़ी रास्तों के बीच श्रद्धालुओं को तकरीबन 14 किमी का सफर तय करना होता है,हिंसक वन्य जीवों से बचाव हेतु वन एवं पुलिस प्रशासन की टीम के अलावा हाथियों का दल गश्ती में लगाया जाता है,और जब तक पूरे श्रद्धालु वापस नहीं लौटते तब तक टीम निगरानी में लगी रहती है। ऐसा है इतिहास रीवा राजघराने से जुड़े असद खान ने बताया कि इतिहासकारों के अनुसार, बांधवगढ़ का किला लगभग 2000 वर्ष पहले बनाया गया था, जिसका जिक्र शिवपुराण में भी मिलता है। इस किले को रीवा के राजा विक्रमादित्य सिंह ने बनवाया था। किले में जाने के लिए मात्र एक ही रास्ता है, जो बांधवगढ़ नेशनल पार्क के घने जंगलों से होकर ही गुजरता है। किले को लेकर एक किवदंती भी है कि वनवास से लौटने के बाद भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण को ये किला भेंट किया था।