इंदौर(ईन्यूज एमपी)- महिराज गृह निर्माण सहकारी संस्था जमीन घोटाले में करोड़ों की धांधली सामने आई है। मास्टरमाइंड केशव नाचानी है। नाचानी के विरुद्ध खजराना थाना और ईडी में भी प्रकरण लंबित है। नाचानी ने दो करोड़ रुपये में जमीन खरीद कर 28 करोड़ का खेल किया है। आर्थिक अपराध ब्यूरो ने 16 नवंबर को आरोपित समीर खान,केशव भगवानदास नाचानी, वीपी कुलश्रेष्ठ, राजेश मंगल,धर्मेंद्र जाखेड़िया,प्रदीप भावे, रमेशचंद्र माहेश्वरी, राजेश फरक्या,राजेंद्र गुप्ता और पेगासस एसेट्स (मुंबई) के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। ब्यूरो के मुताबिक समीर खान संस्था का तत्कालीन अध्यक्ष है। नाचानी नोबल रियल एस्टेट का कर्ताधर्ता है जिसने जमीन का सौदा किया। आरोपित वीपी कुलश्रेष्ठ तत्कालीन संयुक्त संचालक (टीएंडसीपी),राजेश मंगल इंड्सइंड बैंक का तत्कालीन मैनेजर, धर्मेंद्र जाखेड़िया तत्कालीन जोनल मैनेजर, प्रदीप भावे कैपिटल हेड, राधेश्याम टाइटल रिपोर्ट सर्चकर्ता और राधेश्याम मूल्यांकनकर्ता है। जिस जमीन का सौदा हुआ उसकी संस्था के 45 सदस्यों को रजिस्ट्री करवा दी थी। सदस्य 20 सालों से प्लाट के लिए शिकायत करते आ रहे थे। एमआर-10 से लगी है संस्था की जमीन संस्था की जमीन एमआर-10 से लगी है जो शहर के पॉश इलाके में शामिल है। इस वक्त वहां पर नर्सरी का संचालन हो रहा है। आरोपित ने बैंक में बंधक रख कर 12 करोड़ की क्रेडिट लिमिट व ओवर ड्राफ्ट लिया जो बढ़कर करीब 17.5 करोड़ कर दिया गया। बैंक ने राशि जमा न करने पर एनपीए कर पेगासस को बेच दी। इसमें से 26.57 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बाद शेष करीब 9.50 करोड़ नाचानी की फर्म एमपी बुलियन ने हांसिल कर ली। इस प्रकार नाचानी ने दो करोड़ रुपये में खरीदी जमीन में 28 करोड़ रुपये का खेल हुआ।