भोपाल( ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश में वर्तमान विधानसभा चुनाव भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को आगे कर लड़ रही है। 'एमपी के मन में बसे मोदी और मोदी के मन में एमपी' चुनावी गीत के साथ मोदी के नाम पर कमल के फूल को वोट देने की अपील की जा रही है। प्रत्याशी कौन है इसका ज्यादातर जिक्र भी नहीं किया जा रहा मोदी लहर बनाई जा रही है और उसी में सब की नैया पर करने की कोशिश की जा रही है यही कारण है कि कल से मध्य प्रदेश मोदी मय होने जा रहा है और प्रदेश में 11 दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 14 सभाएं होंगी। जी हाँ भाजपा की चुनावी नैया पार लगाने के लिए मध्य प्रदेश में चार नवंबर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धुंआधार चुनावी दौरे होंगे। प्रचार पर प्रतिबंध लगने तक 11 दिनों में मोदी मप्र में 14 चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। इस बीच वे 14 नवंबर को इंदौर में एक रोड शो भी करेंगे। मोदी की पहली रैली रतलाम में चार नवंबर को पौने चार बजे होगी और आखिरी सभा प्रचार थमने वाले दिन 15 नवंबर को सुबह 11 बजे बैतूल में आयोजित की गई है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सर्वाधिक फोकस मालवांचल और आदिवासी क्षेत्रों पर है। मोदी यहां हर नौ सीट पर एक सभा कर रहे हैं। पीएम आदिवासी वोटबैंक को साधने में कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सत्ता की राह आसान बनाने के लिए भाजपा ने मालवांचल में मोदी की कुल 14 सभाओं में से यहां एक रोड शो और छह सभाएं रखी है। इनमें रतलाम, खंडवा, नीमच, बड़वानी, झाबुआ, शाजापुर और इंदौर शामिल हैं। प्रचार थमने से एक दिन पहले मोदी इंदौर में रोड शो भी करेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस अंचल में मोहनखेड़ा में सभा की थी। विंध्य क्षेत्र में भी भाजपा के लिए चुनौतियां बढ़ी हुई हैं। जिसके चलते प्रधानमंत्री मोदी की विंध्य में दो सभा रखी गई हैं। एक सीधी और दूसरी सिंगरौली में होगी। विंध्य में कुल 30 सीटें हैं, इनमें वर्ष 2018 में भाजपा ने 24 सीटों पर विजय प्राप्त की थी, लेकिन इस चुनाव में दो विधायक केदार शुक्ला और नारायण त्रिपाठी भाजपा के बागी बनकर चुनाव लड़ रहे हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग की तस्वीर इस विधानसभा चुनाव में बदली-बदली है। वर्ष 2018 के चुनाव से ठीक पहले एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के कारण भाजपा को यहां 13 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था। पिछले चुनाव में भाजपा के मात्र सात विधायक जीत पाए थे। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने अपने विधायकों की संख्या 12 से बढ़ाकर 26 कर ली थी। एक सीट पर बसपा जीती थी। सिंधिया के भाजपा में आने से उपचुनाव में समीकरण तो बदले, लेकिन असली परीक्षा अब होनी है। पार्टी ने सभी अंचलों में प्रधानमंत्री की उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बनाई है। बुंदेलखंड में भी फिलहाल दो सभाएं रखी गई हैं। एक पथरिया और दूसरी छतरपुर में। पार्टी नेताओं ने बताया कि छतरपुर की सभा में परिवर्तन संभव है। इधर, महाकोशल में लखनादौन में भी मोदी सभा करेंगे। आदिवासी बहुल यह क्षेत्र नरसिंहपुर, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट डिंडौरी और मंडला के केंद्र में हैं। इसी अंचल में शहडोल में प्रधानमंत्री ने एक जुलाई को आदिवासी वर्ग के साथ संवाद किया था। पीएम अपनी आखिरी सभा 15 नवंबर को आदिवासी बहुल जिला बैतूल में करेंगे। ये छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम, हरदा के केंद्र में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित चुनावी सभाएं तिथि समय स्थान चार नवंबर पौन चार बजे रतलाम पांच नवंबर 12 बजे लखनादौन पांच नवंबर पौने चार बजे खंडवा सात नवंबर डेढ़ बजे सीधी सात नवंबर साढ़े तीन सतना आठ नवंबर 11 बजे पथरिया आठ नवंबर डेढ़ बजे गुना आठ नवंबर चार बजे मुरैना नौ नवंबर 12 बजे नीमच नौ नवंबर साढ़े तीन बजे बड़वानी 13 नवंबर चार बजे छतरपुर (परिवर्तन संभावित) 14 नवंबर सवा बजे शाजापुर 14 नवंबर पौने तीन बजे झाबुआ 14 नवंबर पौने छह बजे इंदौर (रोड शो 45 मिनट) 15 नवंबर 11 बजे बैतूल