सारंगपुर( ईन्यूज एमपी) -विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग ने नई गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत अब नेताओं के पुतले फूंकना प्रतिबंधित है। दूसरे दलों की सभाओं का विरोध नहीं किया जा सकेगा। यही नहीं दूसरे दलों की सभा में सवाल पूछने वाले पर्चे फेंकना भी प्रतिबंधित किया गया है। निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि इसका उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाए। नई गाइडलाइन के मुताबिक उम्मीदवार या दल के नेता ऐसे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे जिसमें उनकी मौजूदगी के बाद जातीय, धार्मिक और भाषाई विवाद में और वृद्धि हो किसी भी राजनेता या व्यक्ति के घर के सामने प्रदर्शन भी नहीं किए जा सकेंगे। चुनावी सभा के लिए मैदान पर किसी दल विशेष या व्यक्ति का कब्जा नहीं होगा। इतना ही नहीं नेताओं के पुतला दहन और दूसरे दलों की सभा होने का विरोध और सवाल पूछने वाले पर्चे फेंकना भी प्रतिबंधित किया है। निजी जीवन की आलोचना से बचना होगा राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव अवधि के दौरान ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं। अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक जीवन या निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा। वोट पाने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई नही की जाएगी। पूजा स्थलों को निर्वाचन के प्रचार के मंच के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जाएगा। घर के सामने नहीं कर सकेंगे प्रदर्शन एसडीएम संजय उपाध्याय ने बताया है कि हर व्यक्ति के शांतिपूर्ण घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाएगा। फिर चाहे वह व्यक्ति राजनीतिक दल या गतिविधियों से कितने भी अलग हो। किसी भी परिस्थिति में विरोध जताने के लिए व्यक्तियों के घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने का सहारा नहीं लिया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल या अभ्यर्थी जुलूस में भाग लेने वाले लोगों के पास ऐसी कोई वस्तु नहीं रहने देंगे जिसका अवांछनीय उपयोग हो सके। साथ ही किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी नेताओं के पुतले जलाने और प्रदर्शन का समर्थन नहीं करेंगे।