रीवा(ईन्यूज एमपी) - मौका परस्त और बिन पेंदी का लोटा दोनों ही बातो कि पुष्टि करनी हो या उदाहरण देना हो तो विंध्य रीजन के रीवा जिले के एक नेता इसमें बिल्कुल फिट बैठते है और जब जिधर रही बयार उधर हो चले सरकार कि तर्ज पर काम करते देखे जाते हैं। जी... हां... हम बात कर रहे हैं अभय मिश्रा कि जो भाजपा,काग्रेस, भाजपा और फिर काग्रेस मे लगातार उछल कूद कर रहे हैं। महज दो महीने पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने फिर बीजेपी छोड़ दी है। उन्होंने आज बुधवार शाम 5 बजे सोशल मीडिया पर इस्तीफा पत्र जारी किया है। जिसमें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दिए जाने की बात कही है। गौरतलब है कि अभय मिश्रा रीवा जिले की सेमरिया सीट से विधायक रह चुके हैं। बीजेपी से टिकट मिलने की आस टूटने पर उनका बीजेपी से मोहभंग हो गया। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने हाथ में जल उठाकर टिकट का वादा किया था, लेकिन अब वो राजेन्द्र शुक्ला के दबाव में आकर वादाखिलाफी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने मुझे पहले ही टिकट का आश्वासन दे दिया था, लेकिन मेरा ही विवेक नष्ट हो गया और मैंने भाजपा जॉइन कर ली। क्षेत्र की जनता कांग्रेस के साथ है, इसलिए मुझे महसूस हुआ कि अब जनता के साथ चलना चाहिए। अभय मिश्रा के राजनीति दौर पर गौर करें तो वो कभी भाजपा, कभी काग्रेस में आते जाते देखे गए हैं 2008 - अभय मिश्रा भाजपा से विधायक रहे। 2013 - पत्नी नीलम मिश्रा भाजपा से विधायक रहीं। 2018 - भाजपा से टिकट नहीं मिला, दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए। 2023 - 11 अगस्त को फिर से भाजपा में शामिल हुए। 2023 - 18 अक्टूबर को फिर भाजपा से इस्तीफा दे दिया।