जबलपुर(ईन्यूज एमपी)-मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू और जस्टिस हृदयेश की युगलपी ने चार होमगार्ड सैनिकों को दो माह का काल ऑफ देने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि होमगार्ड सैनिकों को सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाए. उक्त मामलों की सुनवाई भी संबंधित मामलों के साथ किए जाने के निर्देश देते हुए न्यायालीय ने उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट भी तलब की है . क्या है पूरा मामला:दरअसल, हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू और जस्टिस हृदयेश की डबल बेंच के सामने पूरे मामले की सुनवाई हुई. इस में बेंच के चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में दो महीने में का कॉल ऑफ देने पर अंतरिम रोक लगा दी. इसके साथ ही न्यायालय ने होमागार्ड के सैनिकों की सेवा जारी रखने की अनुमति देने की बात भी कही है. साथ ही इस मामले में हाईकोर्ट के न्यायधीशों ने एक हाई लेवल कमिटी की रिपोर्ट भी तलब की है. इस मामले में सीहोर के रहने वाले कमल सिंह, कृष्ण कुमार, खुशीलाल और नर्मदा प्रसाद की ओर से याचिका दायर की गई थी. जिसमें बताया गया था कि उन्हें एक अक्टूबर से 30 नवंबर 2023 तक का कॉल ऑफ दिया गया है. याचिकाकर्ता की ओर कहा गया कि शासन ने संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के कॉल ऑफ को बदलकर तीन साल में 2 माह का कॉल ऑफ कर दिया है. दरअसल, वर्ष 2010 में होमगार्ड्स कर्मचारियों द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने एवं अन्य अनुतोष की प्रार्थना की गई थी. वर्ष 2011 में हाईकोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया था कि वे होमगार्डस की सेवा नियम बनाये एवं उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए. इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाए और आदेश के विपरीत पुन: एक वर्ष में 2 माह का बाध्य कॉल ऑफ का प्रावधान रख दिया. इसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए कहा कि होमगार्ड सैनिकों के मामले में गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट भी पेश की जाए.