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ग्वालियर पहुंची राष्ट्रपति ने देखा जय विलास पैलेस, दीक्षांत समारोह में हुए शामिल, बॉयज हॉस्टल की रखी आधारशिला....

ग्वालियर (ईन्यूज एमपी)-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ग्वालियर यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में शामिल हुई इनके द्वारा जय विलास पैलेस का मुआयना किया गया दीक्षांत समारोह में शिरकत की गई और बॉयज हॉस्टल की आधारशिला भी रखी गई।


प्रेसिडेंट अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान (IIITM) के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि आज भारत की डिजिटल इकोनॉमी विश्व में अग्रणी है। टेक्नॉलोजी का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यही है कि इससे कनेक्टिविटी बढ़ गई है।

राष्ट्रपति जयविलास पैलेस भी पहुंचीं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने उन्हें जयविलास पैलेस और जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम दिखाया। यहां प्रेसिडेंट ने लंच लिया। उन्हें बिना प्याज-लहसुन का भोजन परोसा गया। ओडिशा और उत्तर भारत की स्पेशल डिश खुद सिंधिया और उनकी पत्नी ने तैयार कराई थीं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद प्रेसिडेंट को खाना सर्व किया। लंच के मेन्यू में नेपाली साग से लेकर दालमा, संतुला, जीरा मूंग दाल छिलका, पनीर मखाना, भुट्टे का किस सहित अन्य व्यंजन थे। राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद विवेक शेजवलकर, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह भी लंच में शामिल हुए।

राष्ट्रपति की स्पीच की प्रमुख बातें...

सिंधिया वंश की ग्वालियर में उल्लेखनीय भूमिका

IIITM में राष्ट्रपति ने कहा, ग्वालियर खूबसूरत और सांस्कृतिक शहर है। यहां सिंधिया वंश की उल्लेखनीय भूमिका रही है। मध्यप्रदेश में मुझे पेसा एक्ट लागू करने का मौका भी मिला। यह एक्ट जनजाति समुदाय के हित में है। मध्यप्रदेश में जनजाति समुदाय की सबसे बड़ी आबादी है। इस समुदाय के हित में केंद्र और राज्य सरकार कई कदम उठा रही है।

कमजोरों की सहायता से क्षमताएं विकसित होती हैं

आज आप सभी बच्चों की मेहनत सफल हुई है। आप समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें, जो विकास की यात्रा में थोड़े पीछे रह गए हैं। यह आपके लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। दूसरों की सहायता से आपकी भी क्षमताओं का विकास होता है। यह मेरा निजी अनुभव है। पिछड़े और कमजोर वर्ग की सहायता करने में आप विशेष ध्यान दें, यह मेरा आग्रह है।

जीवन में पहली नौकरी की खुशी अलग ही होती है

जीवन की पहली नौकरी मिलने की खुशी अलग ही होती है। उन्होंने स्टूडेंट्स से पूछा भी कि होती है या नहीं। आगे कहा, संस्थान के स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट के लिए बधाई। जिनकी प्लेसमेंट नहीं हुई, उनकी क्षमता कम नहीं है, उन्हें आगे अनगिनत अवसर मिलेंगे।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू दोपहर 2.40 बजे गोले का मंदिर मुरैना लिंक रोड स्थित अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान (IIITM) पहुंचीं। यहां उन्होंने स्लम एरियाज (मलिन बस्तियों) के 10 बच्चों को ट्रिपल आईटीएम के स्टूडेंट ज्ञान मूवमेंट के तहत पुस्तकें भेंट कीं। बॉयज हॉस्टल की आधारशिला रखी। इसके बाद राष्ट्रपति IIITM के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं।

CM बोले, MP को प्रमोट करने का दायित्व आप बच्चों पर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, मध्यप्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। ग्रोथ रेट 16.06% है। पर कैपिटा इनकम कभी 11 हजार हुआ करती थी, आज 1 लाख 40 हजार रुपए है। मध्यप्रदेश आगे बढ़ रहा है और इसे आगे बढ़ाने के लिए युवाओं के ज्ञान का उपयोग होना जरूरी है। आप बेंगलुरु में रहें या बर्लिन में, आप मध्यप्रदेश को प्रमोट करने का उत्तर दायित्व निभाते रहना।

सिंधिया ने कहा, PM मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बन रहा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, मेरे पूज्य पिता ने इस संस्था (IIITM) को स्थापित किया। तब वे मानव संसाधन मंत्री थे। उनकी यही सोच थी कि मैनेजमेंट के साथ सूचना प्रौदोग्य को जोड़कर हम अपने देश में नौजवानों की उपयुक्त मानव संसाधन की फौज तैनात करें। 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर इसका नाम हुआ।

सिंधिया ने कहा, विश्व में अगर कहीं भी परिवर्तन आया, तो युवा शक्ति के आधार पर आया। भारत आज विकास, प्रगति के रास्ते पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु के रूप में भारत स्थापित होने वाला है। 2030 हम विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति होंगे।

काकोडकर मानद उपाधि से विभूषित
दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व चेयरमैन और पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोडकर को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित किया। सात विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए। 283 विद्यार्थियों को बीटेक, एमटेक और मैनेजमेंट की उपाधियां दी गईं।

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