भुईमाड़(ईन्यूज एमपी)- शुक्रवार को सीधी जिले वनांचल क्षेत्र मे भारत के शौर्य और स्वाभिमान की प्रतीक वीरांगना रानी दुर्गावती की 'गौरव यात्रा' पहुंची जहां सीधी जिले के सीमा में प्रवेश करते ही सोनगढ़ गोपद नदी के पास एवं गैवटा सरपंच के घर के पास यात्रा का भव्य स्वागत हुआ,उसके बाद यात्रा भुईमाड़ हायर सेकंडरी स्कूल के कैंपस में पहुंचे वहाँ भी भव्य स्वागत हुआ, महिलाओं द्वारा कलथ लेकर स्वागत किया जा रहा था जो देखते बन रहा था,आपको बता दें कि इस यात्रा को बालाघाट जिले से हरी झंडी दिखाई गई थी जो 5 अलग-अलग स्थानों से निकाली गई हैं,जिसमें से रीवा संभाग का धौहनी बिधानसभा क्षेत्र में यात्रा निकाली गई हैं,आपको बता दें कि यह यात्रा सिंगरौली जिले के महुली से शुरू हुई जो सीधी एवं सिंगरौली में दो दिवसीय यात्रा में रानी दुर्गावती की गौरव गाथा को आमजन तक पहुचाने हेतु यात्रा निकाली गई है, मध्यप्रदेश की गौरव वीरांगना रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस आज 24 जून को मनाया जाएगा। वर्तमान वर्ष रानी दुर्गावती का 500वां जन्म वर्ष है। रानी दुर्गावती की गौरव गाथा को आमजन तक पहुंचाने के लिए पाँच प्रमुख स्थलों से 22 जून से वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा आरंभ हुई है। इसका समापन 27 जून को शहडोल में होगा। जनजातीय गौरव यात्रा बालाघाट, दमोह जिले के जबेरा, कालिंजर किला उत्तरप्रदेश तथा सिंगरौली जिले के महुली से गौरव यात्राएं आरंभ हुई। शहडोल में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गौरव यात्रा के समापन समारोह में रानी दुर्गावती को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। रीवा संभाग के सिंगरौली तथा सीधी जिले से भी 23 जून को वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा आरंभ हुई, यात्रा का नेतृत्व सांसद शहडोल श्रीमती हिमाद्री सिंह के द्वारा किया जाना था किन्हीं कारणों बस उनके द्वारा सिर्फ दो सभा में शामिल होकर किया गया, बाकी जगह पर यात्रा के सहप्रभारी बनाये गये विधायक धौहनी श्री कुंवर सिंह टेकाम मुख्य अतिथि रहे। इस दौरान शासन की जनजातीय कल्याण की योजनाओं की जानकारी दी गयीं एवं परंपरागत लोक नृत्यों और लोकगीतों के माध्यम से रानी दुर्गावती के बलिदान तथा जनजातीय गौरव का गान किया गया। आपको बता दें इस मौके पर कलेक्टर सीधी साकेत मालवीय जी के द्वारा कहा गया कि रानी दुर्गावती जो भारतीय इतिहास के जब हम मध्यकाल में हमारा समाज जीवन यापन कर रहा था उस समय जिस क्षेत्र में आप सभी यहां पे निवास कर रहे हैं अभी और कालिंजर का जो क्षेत्र हैं वह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्र में है यहीं बगल के जिले का सतना जिला है उसी पिछोर पर लगा हुआ है और वहां से लेकर उनका बलिदान जो जबलपुर के आसपास हुआ था यह संपूर्ण क्षेत्र जो गोड़वाना के नाम से विख्यात था उन दिनों में उनकी महारानी थी,इसके साथ ही कलेक्टर साकेत मालवीय ने 27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के शहडोल के दौरे के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी दो अभियान लॉन्च करेंगे। सिकल सेल एनीमिया मिशन, सिकल सेल से पीड़ितों की स्क्रीनिंग, उनके इलाज की व्यवस्था के लिए एक नया अभियान होगा,धौहनी बिधायक कुवंर सिंह टेकाम ने अपने उद्बोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहां की इतना सब कुछ होने के बाद भी अगर आप लोगों को इतिहास की जानकारी नहीं है तो सब बेकार है क्योंकि आपका भी स्वाभिमान और सम्मान है, पिछले दिनों में भी हमारे जितने पूर्वज थे अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए, देश की रक्षा के लिए, समाज के रक्षा के लिए, अतिक्रमणकारियों से बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया,इसके साथ उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने बलदानियों के बारे कभी नहीं बताया गया,इससे साथ हीं बिधायक धौहनी ने शहडोल मे होने बाले कार्यक्रम की जानकारी दी, कार्यक्रम का संचालन बड़ी शिक्षक अंजनी लाल यादव जी के द्वारा किया गया एक मौके पर कलेक्टर साकेत मालवीय, जिला पंचायत सीईओ राहुल धोटे, एसडीएम कुसमी राजेश सिन्हा, एसडीओपी कुशमी रोशनी सिंह ठाकुर,थाना प्रभारी कुशमी राम सिंह पटेल, भुईमाड़ थाना प्रभारी आकाश सिंह राजपूत,दिलशरण सिंह,शंभू गुप्ता,रामजियावन गुप्ता,सुरेंद्र बैस,भुईमाड़ के प्राचार्य सुजीत सिंह,उपयंत्री प्रदीप द्विवेदी, सरपंच एवं सचिव भुईमाड़, गैवटा, करैल,अमरोला केशलार,सोनगढ़ के साथ हजारों की संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।