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Home मध्य प्रदेश उपराष्ट्रपति ने शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह को दी श्रद्धांजलि:सीएम ने कहा- न्याय की भाषा हिंदी क्यों नहीं हो सकती

उपराष्ट्रपति ने शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह को दी श्रद्धांजलि:सीएम ने कहा- न्याय की भाषा हिंदी क्यों नहीं हो सकती

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ जस्टिस जेएस वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला के कार्यक्रम के बाद मालगोदाम स्थित अमर शहीद राजा शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमास्थल में जाकर श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान आदिवासियों ने आदिवासी लोकनृत्य कर उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। जहां उपराष्ट्रपति ने आदिवासियों से मिलकर उनका अभिवादन किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ डुमना एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान उपराष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उपराष्ट्रपति की आगवानी की। उपराष्ट्रपति के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल सहित अन्य मंत्री मौजूद रहे। जहां कुछ देर बाद उपराष्ट्रपति तंखा मेमोरियल ट्रस्ट की रजत जयंती पर मानस भवन में जस्टिस जेएस वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला के कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मालिमठ और सुप्रीम कोर्ट ने जज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उपराष्ट्रपति ने कहा जस्टिस जेएस वर्मा के द्वारा दिए गए फैसले हमेशा न्यायसंगत रहते थे। उनका कार्यकाल कभी भी भुलाया नही जा सकता हैं। आज मुझे मध्यप्रदेश की धरती में आने का सौभाग्य मिला हैं।

जस्टिस वर्मा मेमोरियल कमेटी के चेयरमैन और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा सन 1970 और 80 में मध्यप्रदेश के जज रहे हैं। जो अपने फैसलों के लिए आज भी जाने जाते हैं। सभी उनके फैसलों से डरते थे। जस्टिस वर्मा वकील होते हुए अच्छे तर्क रखा करते थे। यहीं वजह रही है कि जूनियर जस्टिस वर्मा के नाम से कांप जाते थे। वहीं राज्यसभा सांसद तंखा ने गर्वनर मंगूभाई पटेल को संवेदनशील राज्यपाल बताया। और सीएम शिवराज सिंह चौहान के 15 वर्ष में किए गए स्वास्थ्य के प्रति कार्य और योजना की प्रशंसा की।

मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मलीमठ ने जस्टिस जे एस वर्मा का परिचय देते हुए। उनके फैसलों का जिक्र किया।

जस्टिस वर्मा के मुख्य फैसले-

ऐतिहासिक विशाखा फैसला। इसी के बाद सरकार ने कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा दिशा-निर्देश तय किए।
1994 में एसआर बोमई मामले में राष्ट्रपति के विधानसभा भंग करने के अधिकार को परिभाषित किया।
आर्म्स एक्ट के तहत 1997 में संजय दत्त के खिलाफ फैसला सुनाया।
1996 में निलावती बेहरा की चिट्टी को पीआईएल मानते हुए फैसला सुनाया ।
1994 में जमाते इस्लामी को गैरकानूनी घोषित करने के सरकार के फैसले को खारिज कर दिया।

जस्टिस वर्मा के नाम से मध्य प्रदेश का सीना चौड़ा हो जाता है: सीएम

संबोधन के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा जस्टिस वर्मा के नाम से मध्य प्रदेश का सीना चौड़ा हो जाता है। इस कार्यक्रम के लिए आयोजक को धन्यवाद देता हूं। वहीं उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के पहली बार मध्यप्रदेश की धरती में आगमन पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रहे हैं। यह उनका परिवार है।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जस्टिस वर्मा के विशाखा फैसले का जिक्र किया। जिससे कारण आज महिलाएं स्वाविभान की जिंदगी व्यतीत कर रहीं हैं। उनके इस फैसले से आज देश को और मध्यप्रदेश को गौरव होता हैं।


न्याय की भाषा मातृ भाषा क्यों नहीं हो सकती

व्याख्यानमाला के दौरान सीएम ने कहा न्याय की भाषा मातृभाषा क्यों नहीं हो सकती? उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में इस वर्ष से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू की जा रही हैं। हिंदी भाषा हमारे लिए गौरव की भाषा हैं। वहीं उन्होंने दुष्कर्म के मामले में न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका से गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता भी जताई।

उन्होंने कहा 92% दुष्कर्म के मामले में परिचित के द्वारा ही ऐसा कृत्य करना पाया जाता हैं। ऐसे दोषियों के विरुद्ध वज्र से ज्यादा कठिन कार्रवाई होनी चाहिए। आज देश के नागरिक किसी पर आंख बंद कर विश्वास करते हैं तो वह भारत की न्यायपालिका में करते हैं। जहां उन्हें विश्वास होता हैं, कि हमें इंसाफ मिलेगा।


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