भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश के अलग अलग जिलों में लापरवाहों पर बड़ी कार्रवाई की गई है।इसमें सबसे बड़ी कार्रवाई रतलाम में की गई है। एक तरफ रतलाम जिले के मामटखेड़ा के सरकारी स्कूल में गिनती ना आने पर 2 छात्राओं को बेरहमी से पिटाने का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षक जेके मोगरा को जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वही अभिभावकों द्वारा कड़ी कार्रवाई की मांग पर मामले में विभागीय स्तर पर जांच के भी आदेश दिए गए है। वही दूसरी तरफ रतलाम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग और जूनियर से मारपीट करके वीडियो वायरल करने के मामले में अनुशासन समिति द्वारा जांच पूरी होने के बाद 7 सीनियर छात्रों छात्र निलेश पाटीदार निवासी ग्राम हतनारा थाना पिपलोदा जिला रतलाम, दीपक निगवाल निवासी ग्राम वासनली बसनली, दही जिला जिला धार विशाल पाटीदार निवासी भानपुरा जिला मंदसौर, मुकेश निनामा निवासी ग्राम आम्बापाङा थाना सैलाना जिला रतलाम, पियूष पाटीदार निवासी ग्राम बामन खेड़ी थाना आलोट जिला रतलाम, करण मेडा निवासी ग्राम रिछि थाना सरवन जिला रतलाम व सावन कलमे निवासी ग्राम खड़ियाधाट भानपुरा जिला धार को हॉस्टल से 6 माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। वही इन सातों के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने डा. अनुराग जैन की रिपोर्ट पर आरोपित सातों छात्रों के खिलाफ भादंवि की धारा 323 341 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।इसके साथ ही दतिया में जिला पंचायत सीईओ कमलेश भार्गव ने शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर ग्राम पंचायत छिकाऊ के सचिव गर्धव सिंह यादव को निलंबित कर दिया है। सचिव निलंबन अवधि में कार्यालय जनपद पंचायत सेवढा में अटैच किया है।इसके अलावा खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं और अनमोल पोर्टल में अपेक्षाकृत प्रगति ना होने पर बीपीएम छैगांवमाखन सतीश हल्दे को कारण कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। जबलपर हाई कोर्ट में लंबित प्रकरणों में समय सीमा में जवाब दावा प्रस्तुत न करने पर टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले के परियोजना अधिकारियों महेश दोहरे परियोजना बल्देवगढ़, श्वेता चतुर्वेदी परियोजना टीकमगढ़ ग्रामीण, शशि किरण यादव परियोजना जतारा, सुमन त्रिपाठी परियोजना दिगौड़ा, सुभाष सोनी परियोजना निवाड़ी एवं प्रियंका यादव परियोजना पृथ्वीपुर को 2 दिवस में जवाब दावा प्रस्तुत करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। समय सीमा में जवाब दावा प्रस्तुत न होने पर संबंधित परियोजना अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।