ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एकल पीठ ने एक छात्र को जमानत पर रिहा करने के लिए अनूठी शर्त लगाई है। जेल से रिहा होने के बाद उसे खुद को सोशल मीडिया से दो महीने के लिए दूर रखना होगा। फेसबुक, व्हॉट्सएप सहित अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर वह दिखना नहीं चाहिए। अगर सोशल मीडिया पर दिखता है तो जमानत को निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही 5 फलदार पौधे भी लगाने होंगे। उनका लालन-पालन भी करना होगा। न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने यह फैसला छात्र हरेंद्र त्यागी के जमानत आवेदन को स्वीकार करते हुए दिया है। न्यायालय ने छात्र पर जो शर्त लगाई है उसके अनुसार उसे सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर नहीं रहने के संबंध में थाने में डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। यदि वह ऐसा करने में असफल रहता है तो उसकी जमानत याचिका निरस्त हो जाएगी। ऐसा पहली बार हुआ है कि हाईकोर्ट ने जमानत देने के लिए इस प्रकार का प्रतिबंध लगाया है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिए हैं की जो आरोप छात्र पर लगाए गए हैं उस प्रकार के किसी भी कृत्य को वह नहीं दोहराएगा। आवेदक बिना अनुमति के देश छोड़कर भी नहीं जा सकेगा। छात्र हरेंद्र त्यागी के खिलाफ हादसे की धारा 323 294 एवं 506 एवं अन्य धाराओं के भिंड जिले के असवार थाने में मामला दर्ज किया गया है। छात्र द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए आवेदन में कहा गया कि उसके खिलाफ मारपीट करने छेड़छाड़ करने तथा धमकी देने के संबंध में लगाए गए आरोप झूठे हैं। आरोपी की ओर से यह कहा गया कि उसे 24 जून 2020 को गिरफ्तार किया गया है। इससे उसके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। लिहाजा उसे जमानत का लाभ दिया जाए न्यायालय में आरोपी के आवेदन को स्वीकार करते हुए से सशर्त जमानत पर रिहा किए जाने के निर्देश दिए।