भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बसों का संचालन करने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने भोपाल सहित सभी जिलों में यात्री बसों का संचालन सामान्य रूप से कराने के लिए परिवहन आयुक्त समेत समस्त जिला कलेक्टर व पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया है। आदेश के मुताबिक अभी प्रदेश में ही यात्री बसों का संचालन किया जाएगा। अंतरराज्जीय मार्गों पर बसें चलाने की अनुमति नहीं दी गई है। इधर गृह विभाग के आदेश का पालन करने से बस संचालकों ने मना कर दिया है। मप्र प्राइम रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि जब तक शासन द्वारा अप्रैल से सितंबर तक (कुल छह महीने) का टैक्स माफ नहीं कर दिया जाता तब तक प्रदेश भर में 35 हजार बसों के पहिए थमे रहेंगे। सोमवार को भोपाल में बैठक कर सभी संचालकों की सहमति से अंतिम फैसला लेंगे। वहीं बस संचालक सुरेंद्र तनवानी ने बताया कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक बसें नहीं चलाएंगे। सरकार ले सकती है नीतिगत फैसला मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होने के बाद सरकार बसों का संचालन शुरू करने के लिए टैक्स माफी, किराया बढ़ाने पर अड़े बस संचालकों को देखते हुए कुछ नीतिगत फैसला ले सकती है। बसें चलवाने की कोशिश करेंगे शासन ने 14 जून को भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभाग को छोड़कर प्रदेश के बाकी सभागों में 50 फीसद यात्रियों को बैठा कर बसों का संचालन शुरू करने का आदेश जारी किया था, लेकिन टैक्स माफी की मांग पर अड़े बस संचालकों ने बसों का संचालन शुरू नहीं किया है। इस संबंध में परिवहन आयुक्त बी मधु कुमार ने बताया कि बस संचालकों से अनुरोध कर सुरक्षित शारीरिक दूरी सहित केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन कर बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा। इससे लोगों के लिए प्रदेश में आने-जाने में सुविधा मिलने लगे। बस संचालकों की मांगें - केंद्र सरकार ने 9 जून को दूसरी एडवाइजरी जारी की थी, उसके तहत छह महीने का टैक्स माफ किया जाए। - लॉकडाउन से अब तक डीजल में करीब 12 रुपये बढ़ गए हैं। 60 फीसद किराया बढ़ाया जाए। - बसों के संचालन करने वाले चालक, परिचालक, हेल्पर को कोरोना योद्धा माना जाए और बीमा कराया जाए।