भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मप्र के शिवराज मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित विस्तार के लिहाज से रविवार का दिन बेहद अहम रहा। लगभग तीन माह बाद दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभावित मंत्रियों की सूची को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से लंबी चर्चा की। चौहान के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत भी गए हैं। उधर राज्यपाल लालजी टंडन की खराब सेहत को देखते हुए राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मप्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। इसके बाद इस बात की संभावना और प्रबल हो गई है कि मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शपथ 30 जून को दिलाई जा सकती है। बताया जा रहा है कि आनंदीबेन पटेल सोमवार को भोपाल आ सकती हैं। मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान को लगभग सौ दिन पूरे हो रहे हैं, लेकिन उनकी टीम पूरी तरह गठित नहीं हो पाई है। कोरोना लॉकडाउन के कारण पहले चरण में हुए विस्तार में वे पांच मंत्रियों को ही अपनी टीम में जोड़ पाए थे। इनमें तीन भाजपा कोटे से और दो सिंधिया कोटे से थे। इसके बाद से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा चलती रही, लेकिन पार्टी हाइकमान से अनुमति नहीं मिलने के कारण चर्चा अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। नड्डा, तोमर, संतोष संग हुई लंबी चर्चा तीनों नेताओं (शिवराज, शर्मा व भगत) की रविवार देर शाम केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से लंबी चर्चा हुई। वहां से ये नेता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा के निवास पहुंचे, जहां एक-एक नाम पर चर्चा हुई। नड्डा के निवास पर चर्चा दो घंटे से ज्यादा समय तक चली। संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार पिछली सरकारों में मंत्री रहे कुछ वरिष्ठ नेताओं को इस बार मंत्री नहीं बनाया जा रहा है।उन्हें यह संदेश देने का काम केंद्रीय नेतृत्व करेगा। देर रात गृह मंत्री अमित शाह से भी चौहान रात में मिलने पहुंचे। पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ चौहान की बैठक होना शेष है। उनसे देर रात या सोमवार चर्चा होने की खबर है। मुख्यमंत्री का सोमवार को भोपाल लौटने का कार्यक्रम है। 25 मंत्री हो सकते हैं शामिल सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में 25 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। इनमें सिंधिया समर्थकों की तादाद 10 और भाजपा कोटे के 15 मंत्री रहेंगे। सिंधिया समर्थकों के नाम और विभाग को लेकर निर्णय सिंधिया और शिवराज की मुलाकात के बाद होगा।