भोपाल(ईन्यूज एमपी)- प्रवासी मजदूरों के कल्याण और विकास के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग का गठन कर दिया है...प्रवासी मजदूरों के लिए आयोग गठन करने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है। आयोग गठन को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट काल में प्रदेश लौटे हमारे हर मजदूर भाई-बहन को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने...उनके परिवार के कल्याण और विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य से 'मध्यप्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग' का गठन किया गया है... हम प्रदेश में ही उनकी आजीविका इतनी सुगम बनायेंगे कि उन्हें आजीविका के लिये दोबारा अन्य राज्यों में जाने की जरूरत ही न पड़े। सीएम की घोषणा पर श्रम विभाग ने 'मध्यप्रदेश राज्य श्रमिक आयोग' के गठन के आदेश भी जारी कर दिए हैं...आयोग का कार्यकाल दो वर्ष का होगा... आयोग का अध्यक्ष राज्य शासन की तरफ से नामांकित व्यक्ति होगा। राज्य शासन ने आयोग के कर्त्तव्य और उद्देश्य निर्धारित किए हैं... आयोग को राज्य के प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक सिफारिशें प्रस्तुत करनी होगी... आयोग सदस्यों,अन्य व्यक्तियों, संगठनों, विभागों, मण्डलों आदि से आवश्यक परामर्श करते हुए राज्य शासन को अपने सुझाव, अनुशंसाएं और सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। इसमें प्रवासी श्रमिकों के कल्याण, रोजगार के अवसरों के सृजन तथा प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के कौशल विकास और हित संरक्षण के लिए प्रचलित कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन शामिल है... इसी के साथ आयोग प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार को राज्य की प्रचलित सामाजिक सुरक्षा, कल्याणकारी योजनाओं में लाभ प्रदान करने की औरप्रवासी श्रमिकों के हित में कोई अन्य अनुशंसा कर सकेगा। प्रवासी मजदूरों के लिए आयोग गठन करने वाला मध्य प्रदेश बना पहला राज्य भोपाल प्रवासी मजदूरों के कल्याण और विकास के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग का गठन कर दिया है...प्रवासी मजदूरों के लिए आयोग गठन करने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है। आयोग गठन को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट काल में प्रदेश लौटे हमारे हर मजदूर भाई-बहन को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने...उनके परिवार के कल्याण और विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य से 'मध्यप्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग' का गठन किया गया है... हम प्रदेश में ही उनकी आजीविका इतनी सुगम बनायेंगे कि उन्हें आजीविका के लिये दोबारा अन्य राज्यों में जाने की जरूरत ही न पड़े। सीएम की घोषणा पर श्रम विभाग ने 'मध्यप्रदेश राज्य श्रमिक आयोग' के गठन के आदेश भी जारी कर दिए हैं...आयोग का कार्यकाल दो वर्ष का होगा... आयोग का अध्यक्ष राज्य शासन की तरफ से नामांकित व्यक्ति होगा। राज्य शासन ने आयोग के कर्त्तव्य और उद्देश्य निर्धारित किए हैं... आयोग को राज्य के प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक सिफारिशें प्रस्तुत करनी होगी... आयोग सदस्यों,अन्य व्यक्तियों, संगठनों, विभागों, मण्डलों आदि से आवश्यक परामर्श करते हुए राज्य शासन को अपने सुझाव, अनुशंसाएं और सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। इसमें प्रवासी श्रमिकों के कल्याण, रोजगार के अवसरों के सृजन तथा प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के कौशल विकास और हित संरक्षण के लिए प्रचलित कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन शामिल है... इसी के साथ आयोग प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार को राज्य की प्रचलित सामाजिक सुरक्षा, कल्याणकारी योजनाओं में लाभ प्रदान करने की औरप्रवासी श्रमिकों के हित में कोई अन्य अनुशंसा कर सकेगा।