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पिजरे में कैद हुआ आतंक मचाने वाला तेंदुआ.....

इंदौर (ईन्यूज एमपी)- सिमरोल स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) परिसर में दहशत मचाने वाला तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। परीक्षण के बाद वन विभाग ने दोबारा उसे जंगल में छोड़ दिया। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, तेंदुए ने किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया है। वह स्वस्थ भी है। दो दिन पहले आइआइटी प्रबंधन ने वन विभाग को सूचना दी थी कि परिसर में तेंदुए की चहलकदमी से विद्यार्थी-शिक्षक और स्टाफ में दहशत है।

इसके बाद विभाग ने स्टाफ के बताए स्थान पर पिंजरा लगाया। शनिवार को वनकर्मियों ने पिंजरे में जिंदा बकरा रखा। रविवार तड़के 5 बजे तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। मामले की जानकारी चोरल रेंज और रेस्क्यू टीम को दी गई। करीब 7 बजे स्टाफ पहुंचा, जिसमें चोरल रेंजर मुकेश अलावा के साथ रेस्क्यू टीम के राजाराम कल्याणे, प्रवीण मीणा, विकास चौहान, प्रकाश बोके मौजूद थे।

अधिकारियों के मुताबिक, तेंदुआ चार साल की मादा है। उसे रालामंडल अभयारण्य लाया गया। यहां विशेषज्ञों ने जांच की, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ निकली। वन संरक्षक टीएस सुलिया ने बताया कि आइआइटी और गांव में तेंदुए ने कोई शिकार नहीं किया है। उसे भी कोई चोट नहीं लगी है। इसके चलते उसे जंगल में छोड़ दिया गया।

दूसरे जानवरों की मौजूदगी आइआइटी परिसर में तेंदुए की हलचल का यह पहला मौका नहीं है। इसके पहले भी यहां तेंदुए के पगमार्क मिल चुके हैं। 2018 में तेंदुए के लिए पिंजरा लगाया गया था। चार दिन बाद वह कैद हुआ। परिसर में दूसरे जंगली जानवर भी मौजूद हैं।

कई बार वन विभाग को यहां सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ा है। कुछ महीनों पहले जंगली सूअर भी पिंजरे में कैद हुआ था। दस दिन पहले किया था शिकार सिमरोल वन क्षेत्र में आने वाले जगजीवन ग्राम तथा कजलीगढ़ के जंगलों में दस दिन पहले तेंदुए की हलचल मिली थी। 25 मई को कजलीगढ़ वन क्षेत्र के पास किसान योगेश मनोहरलाल यादव के खेत में बांधे मवेशियों पर तेंदुए ने हमला किया था। ग्रामीणों ने पत्थर व लाठियों से उसे भगाया था।

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