enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश डीजीपी के पत्र ने उठाया पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों की मनमानी से पर्दा

डीजीपी के पत्र ने उठाया पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों की मनमानी से पर्दा

भोपाल (ईन्यूज एमपी)। यह पहला मौका होगा जब किसी महकमे के मुखिया ने ही मुख्यालय के आला अधिकारियों की मनमानी कार्यशैली को सार्वजनिक कर दिया। मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विवेक जौहरी का एक पत्र रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को जारी हुए इस पत्र से स्पष्ट होता है कि उच्च पदों पर पहुंचने के बाद सरकारी अफसर किस तरह मनमानी करते हैं। उनके लिए दफ्तर आना या ना आना मायने ही नहीं रखता। कार्यालय आ भी गए तो लंच तक रुकना बड़ी बात है।

ऐसे अफसरों का नाम पत्र में बगैर उल्लेख किए डीजीपी ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में अधिकारी समय से कार्यालय में उपस्थित होंगे। डीजीपी ने अपने पत्र में 29 वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई है। उन्होंने तीन अधिकारी ऐसे चिन्हित किए हैं, जो दफ्तर ही नहीं आते। 12 अधिकारी लंच के बाद दफ्तर नहीं आ रहे हैं, जबकि 14 अधिकारियों को लंच में दो घंटे से ज्यादा का समय लगता है।


डीजीपी ने लिखा है कि पुलिस मुख्यालय में कार्यालयीन समय सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक है, लेकिन यह खेद का विषय है कि स्पेशल डीजी, एडीजी और आइजी स्तर के अधिकारी जो कि मुख्यालय में अपनी शाखाओं के प्रभारी भी होते हैं वे न तो समय पर कार्यालय पहुंचते हैं और न दूरभाष पर उपलब्‍ध होते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय में नहीं होने और काम को महत्व नहीं दिए जाने के कारण उनके अधीनस्थों की कार्यप्रणाली पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।


अनुशासन प्रिय हैं डीजीपी

अनुशासन के हिमायती डीजीपी जौहरी वैसे तो सरल स्वभाव के हैं लेकिन सख्त निर्णय लेने में देरी भी नहीं करते हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान वे रॉ, इंटेलीजेंस और बीएसएफ में रह चुके हैं। प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस मध्य प्रदेश लाकर उन्हें डीजीपी बनाया गया था। उनकी नियुक्ति वैसे तो कांग्रेस सरकार ने जाने के पहले की थी लेकिन पारदर्शी कार्यशैली के कारण भाजपा सरकार ने भी उन्हें पद पर बनाए रखा है।


अधिकारी संख्या

स्पेशल डीजी 8 डीजी 4 एडीजी 52 आईजी 30

Share:

Leave a Comment