भोपाल(ईन्यूज एमपी)- कॉलेजों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई में होंगी। कोरोना की स्थिति बिल्कुल सामान्य हो जाएगी, तब प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा ली जाएगी। किसी भी विश्वविद्यालय का विद्यार्थी अगर लॉकडाउन में अपने गृह जिले में है तो वह वहीं से परीक्षा दे सकता है। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अगर कॉलेज में परीक्षा कक्ष कम पड़ेंगे तो पास के स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। ये सभी सुझाव विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने राजभवन में शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में दिए। राज्यपाल लालजी टंडन ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ परीक्षा की तैयारियों को लेकर बैठक ली। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि अंतिम वर्ष की परीक्षा अनुशासित, बाधा रहित, भयुक्त व गाइडलाइंस के अनुसार कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आत्मनिर्भर और स्वायत्त विश्वविद्यालय का नया दौर प्रारंभ हो रहा है। व्यवस्था को मजबूत और सफल बनाने का दायित्व कुलपतियों का है। राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती कठिन दौर है, लेकिन यह नए भारत के निर्माण का अवसर भी है। स्वदेशी नवाचारों के लिए नया वातावरण बना है। विश्वविद्यालय में शोध व अनुसंधान और नए-नए प्रयोगों को बढ़ावा दिया जाए। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन, राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे, उच्च शिक्षा आयुक्त मुकेश शुक्ला सहित सभी विश्वविालय के कुलपति मौजूद थे। परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने कहा कि परीक्षा संचालन व्यवस्थाओं में सैनिटाइजेशन और सुरक्षित शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए। परीक्षा संचालन के दौरान परीक्षा केंद्र में आगमन से लेकर परीक्षा समाप्ति बाद वापस जाने तक की सभी व्यवस्थाओं का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बना लिया जाए। यह प्रयास किया जाए कि विद्यार्थियों को कम से कम यात्रा करनी पड़े। उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। दूर क्षेत्र एवं अन्य कारणों से परीक्षा में शामिल नहीं होने वालों के लिए अतिरिक्त परीक्षा की व्यवस्था हो और विद्यार्थियों की काउंसिलिंग भी की जाए। परीक्षा केंद्र पर एक अलग कक्ष बनाया जाए राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों के लिए नैक ग्रेडिंग की अवधि 6 माह बढ़ाने की अनुमति नैक द्वारा प्रदान कर दी गई है। उन्होंने परीक्षा केंद्रों में थर्मल जांच, सैनिटाइजर आदि आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था करने की जरूरत बताई। परीक्षा केंद्र में आकस्मिक परिस्थितियों के दृष्टिगत एक अलग से कक्ष आरक्षित रखा जाए। परीक्षार्थी को बुखार आदि के लक्षण मिलने पर उसकी परीक्षा अलग से ली जा सके।