भोपाल(ईन्यूज एमपी)-कोरोना मरीजों के इलाज में गंभीर लापरवाही सामने आने पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन जीएस पटेल को पद से हटा दिया है। समीक्षा में मुख्यमंत्री को कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही मिली थी। 27 मई से 2 जून तक 7 दिन में कोरोना से हुईं 7 मौतों ने बीएमसी की व्यवस्थाओं को पोल खोल दी है। प्रदेश में जिले का नाम ऊपर आने के बाद बुधवार देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीएमसी में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जानकारी ली। इस दौरान सामने आया कि अस्पताल में 6 अन्य मरीजों की स्थिति भी गंभीर है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। जिसके बाद सीएम ने तत्काल भोपाल से एक टीम सागर रवाना की। यहां 6 मरीजों की स्थिति गंभीर मिली। इनमें से चार को टीम ने भोपाल रैफर कर दिया। बीएमसी में पहली बार आधी रात को निरीक्षण के लिए पहुंची टीम और सुबह 5 बजे तक कोरोना अस्पताल के हर वार्ड का जायजा लिया। इस दौरान टीम को इलाज में कई खामियां मिलीं। टीम ने गुरुवार देर शाम तक बीएमसी का निरीक्षण किया और शासन को रिपोर्ट सौंपी। बीएमसी की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं थी, जिसके चलते मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से डीन डॉ जीएस पटेल को हटाने के निर्देश दिए। टीम ने मामले की पड़ताल करते हुए कोरोना अस्पताल के अलावा वायरोलॉजी लैब, क्वारेंटाइन सेंटर और वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को वायरोलॉजी लैब में सैंपलों की पेंडेंसी लगभग शून्य मिली, वहीं क्वारेंटाइन सेंटरों की व्यवस्थाओं से भी वे संतुष्ट नजर आए। आईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन मशीन के लिए दो से तीन दिन में शासन से मिलने की बात कही। टीम ने करीब 4 घंटे तक सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।