दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-इस साल के पहले सुपर साइक्लोन अंफन ने बुधवार की शाम को लैंडफॉल किया। इसके बाद तूफान ने बड़ी तबाही मचाते हुए जनजीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। पेड़, बिजली के खंभे, बिजली के खंभे, लैंपपोस्ट,टेलीफोन टॉवर, ट्रैफिक सिग्नल आदि धराशायी हो गए। बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। 12 लोगों की मौत हो गई, कई घायल हुए और आवश्यक सेवाएं भी ठप हो गईं। यहां 135 से 140 किलोमीटर की रफ्तार में हवा चल रही थी, जिससे मची तबाही कल्पना से परे है। हजारों पेड़ व कच्चे मकान के साथ-साथ कोलकाता समेत कई इलाकों में पुरानी पक्की इमारतें भी गिरी। चक्रवात एम्फन ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में दस्तक देने के साथ ही भारी तबाही मचा दी। राज्य सचिवालय नवान्न में कंट्रोल रूम में खुद मौजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस महाविनाशकारी तूफान से दक्षिण बंगाल में भारी तबाही हुई है। बनर्जी ने कहा कि तूफान से राज्य सचिवालय नवान्न तक को नुकसान पहुंचा है। कई गेट व खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तूफान से कितना नुकसान हुआ होगा। ममता ने कहा कि पेड़ गिरने से कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले में 12 लोगों की मौत हुई है। अधिकांश मौत पेड़ की चपेट में आने से हुई है। आज दोपहर 3 बजे टास्क फोर्स की बैठक सीएम ने कहा कि खासकर दक्षिण बंगाल के कई जिलों में सड़क,बिजली, पुल,संचार व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो गई है। गुरुवार दोपहर तीन बजे एम्फन को लेकर गठित टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई है। जिसमें नुकसान और तत्काल लोगों तक राहत पहुंचाने और संपर्क स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर चर्चा की जाएगी। कई इलाके हुए जलमग्न पीने का पानी से लेकर अन्य आवश्यक सामान संपर्क कटे क्षेत्रों तक पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही पांच लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था। जिससे काफी हद तक जनजीवन के नुकसान को नियंत्रित किया जा सका है। बताया गया है कि तीन घंटे में रिकार्ड 180 मिलीमीटर बारिश कोलकाता में दर्ज हुई है और महानगर तथा जिलों के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैंं।