भोपाल (ईन्यूज एमपी)- राज्य के करों से आय कम होने से गहराए आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार चौथे लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाएगी। इसके लिए मंत्री समूह आय बढ़ाने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। बताया जा रहा है कि रेड और ऑरेंज जोन में तो शराब दुकानें 31 मई तक बंद रहेंगी, लेकिन संक्रमित क्षेत्रों के बाहर शराब दुकानें खोलने की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय मंत्री समूह सोमवार को बैठक में स्थितियों का आकलन करने के बाद करेगा। प्रदेश की 3611 शराब दुकानों में से करीब 720 बंद हैं। वाणिज्यिक कर विभाग ने रविवार को सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि रेड और ऑरेंज जोन में शराब दुकानों को बंद रखा गया है। इनका संचालन लॉकडाउन अवधि के बाद ही हो पाना संभावित है। ऐसी दुकानों के लिए बैंक गारंटी जमा करने के लिए लाइसेंस जारी होने के बाद जब से दुकान खोलने की अनुमति हो, तब से आगे के सात दिन की गणना की जाए। किसी समूह की कुछ दुकानें खुली हैं और कुछ बंद तो खुली दुकानों की ही बैंक गारंटी जमा कराई जाए। वार्षिक शुल्क के हिसाब प्रतिभूति राशि का बाकी 60 प्रतिशत राशि 28 मई तक जमा कराया जाए।1800 करोड़ रुपये का हो चुका है नुकसानकोरोना संकट के कारण शराब दुकानें बंद होने की वजह से प्रदेश को एक 1800 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकान हो चुका है। मार्च में शराब दुकानों से 1995 और अप्रैल में 1150 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा गया था। मार्च के अंतिम सप्ताह में दुकानें बंद होने के पहले 1342 करोड़ रुपये की आय हो गई थी, लेकिन अप्रैल में सिर्फ 121 करोड़ रुपये ही मिले। वेल्यू एडेड टैक्स (वैट) से जो 118 करोड़ रुपये मिलने थे, वो भी नहीं मिले। यही वजह है कि सरकार ने संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर शराब दुकानें खोलने का निर्णय लिया था। लेकिन रेड और ऑरेंज जोन की 720 दुकानें बंद हैं। उधर, सरकार ने आबकारी से आय बढ़ाने के विकल्पों पर विचार करने के लिए मंत्री समूह बनाया है। इसमें शामिल गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह अधिकारियों के साथ एक दौर की बैठक कर चुके हैं। इसमें ही संक्रमित क्षेत्र के बाहर शराब दुकानें खोलने की संभावनाओं को टटोलने के लिए अधिकारियों को कहा गया है। बताया जा रहा है कि सोमवार को होने वाली मंत्री समूह की बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा।