भोपाल(ईन्यूज एमपी)- कोविड-19 से गड़बडा़ई वित्तीय स्थिति के कारण राज्य सरकार ने करीब 5 लाख अधिकारी-कर्मचारियों के 7वें वेतनमान के एरियर की तीसरी किस्त पर रोक लगा दी है। इससे जहां कर्मचारियों को 15 से 50 हजार और अधिकारियों को 70 हजार से 1 लाख रुपए का फिलहाल नुकसान हाेगा। सरकार को इस भुगतान पर 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आ रहा था। वित्त विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि इसी साल मई में यह भुगतान हाेना था, जाे आगामी आदेश तक राेक दिया गया है। राज्य सरकार ने साढ़े चार लाख शासकीय और 50 हजार से ज्यादा कार्यभारित कर्मचारियों को जुलाई 2017 से सातवें वेतनमान का नकद लाभ दिया था। चूंकि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से नकद दिया और प्रदेश में यह 1 जुलाई 2017 से दिया गया। यानी राज्य सरकार ने आदेश जारी कर कर्मचारियों को अवगत कराया कि उन्हें 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2017 तक 18 महीने के एरियर का भुगतान तीन किश्तों में किया जाएगा। इसके अनुसार पहली किस्त मई 2018-2019, दूसरी 2019-2020 और तीसरी 2020-2021 वित्तीय वर्ष के मई के महीन में दी जाएगी। 2800 करोड़ रुपए का दो किश्तों में भुगतान कर दिया गया है। तीसरी किश्त का हाेना बाकी है। ऐसे होना था भुगतान 70 हजार के करीब तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तीन किश्तों में एरियर का भुगतान समान रूप से होना था। इन दोनों संवर्गों का 18 महीने का एरियर 50 हजार रुपए बना था। इन कर्मचारियों को दो किश्तों में नकद एरियर मिल चुका है। तीसरी किश्त का अभी होना बाकी है। 1.75 लाख कर्मचारी तृतीय एवं द्वितीय श्रेणी के थे जिनका एरियर 70 हजार रुपए से 1 लाख रुपए बना। इन कर्मचारियों के अलावा वर्क चार्ज में काम कर रहे 70 से 80 हजार कर्मचारियों को कुल एरियर राशि में से 50 फीसदी नकद और 50 फीसदी जीपीएफ अकाउंट में जमा किया जानी थी। प्रदेश के द्वितीय श्रेणी राजपत्रित एवं सुपर क्लास-1 इन संवर्ग में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, वित्त सेवा समेत उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत प्राध्यापक तथा उप संचालक, संयुक्त संचालक, अपर संचालक एवं संचालक स्तर के अफसरों का 18 महीने का एरियर 1.50 लाख रुपए से 2.50 लाख रुपए बना। शासन ने यह भुगतान न नकद न करते हुए एरियर की राशि उनके जीपीएफ अकाउंट में दो किश्तों में जमा कर दी है। तीसरी का भुगतान अपेक्षित है। इसके अलावा प्रदेश में कार्यरत अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को सातवें वेतनमान का एरियर उसी समय नकद दे दिया गया था। राजस्व आय 30% रह गई राज्य सरकार की कोरोना संकट की वजह से राजस्व आय घटकर 30 फीसदी रह गई है। इससे सिर्फ रोजमर्रा के खर्चे चल पा रहे हैं। सरकार अब कर्मचारियों को मई पेड टू जून का वेतन देने के लिए 2500 करोड़़ रुपए का इंतजाम करने में जुट गई है। ऐसी स्थिति में एरियर की तीसरी किस्त 1500 करोड़ रुपए के भुगतान की एक नई मुसीबत सामने आ गई थी, जिस पर रोक लगाना जरूरी था। राज्य सरकार की कोरोना संकट की वजह से राजस्व आय घटकर 30 फीसदी रह गई है। इससे सिर्फ रोजमर्रा के खर्चे चल पा रहे हैं। सरकार अब कर्मचारियों को मई पेड टू जून का वेतन देने के लिए 2500 करोड़़ रुपए का इंतजाम करने में जुट गई है। ऐसी स्थिति में एरियर की तीसरी किस्त 1500 करोड़ रुपए के भुगतान की एक नई मुसीबत सामने आ गई थी, जिस पर रोक लगाना जरूरी था।