भोपाल(ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश में 17 मई के बाद लॉकडाउन फेज-4 शुरू हो जाएगा। हालांकि, इस बार कुछ और रियायतें मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 15 मई तक ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन के हिसाब से फिर से नई रूपरेखा अधिकारियों को बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन बना रहे, मगर उसका स्वरूप अलग होगा। पूरे प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी रहना चाहिए। ग्रीन जोन में सभी गतिविधियां चालू रहें। ऑरेंज जोन में संक्रमित क्षेत्र छोड़कर गतिविधि चालू होनी चाहिए। रेड जोन में संक्रमित क्षेत्र और बफर जोन छोड़कर गतिविधियां सामान्य हो सकती हैं। प्रदेश में कोविड अस्पतालों में 35 हजार बैड की व्यवस्था की गई है, जिसे बढ़ाकर 85 हजार किया जा रहा है। राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 मई तक तीनों जोनों के हिसाब से अलग-अलग योजना बनाकर केंद्र को भेजा जाना है। हमें एक तरफ कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना है, संक्रमित मरीजों को जल्द से जल्द स्वस्थ करना है तो दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियों को शुरू कर लोगों के जीवन को पटरी पर लाना है। इसलिए लॉकडाउन फेज-4 के लिए ऐसी योजना बनाई जाए जिससे लोगों को परेशानी भी नहीं हो और कोरोना चेन को रोका जा सके। कोरोना के साथ जीने की आदत डालना होगी मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कोरोना संकट कुछ और समय चल सकता है। ऐसे में हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। दो गज की दूरी, मास्क का प्रयोग और पूरी सावधानियां रखते हुए एक तरफ कोरोना के संक्रमण को रोकना होगा, तो दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियां भी करनी होंगी। कोई भूखा नहीं सोएगा, पैदल नहीं चलेगा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को प्रदेश लौटाने का कार्य तेज गति से जारी है। उन्हें लेकर 31 ट्रेन प्रदेश आ गई हैं। 9 ट्रेन आज आ जाएंगी। आगे और ट्रेन मजदूरों को लेकर आती रहेंगी। इसके साथ दूसरे प्रदेशों के मजदूर भी लौट रहे हैं। हमने प्रदेश में ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भी मजदूर भूखा नहीं सोए। पैदल नहीं चले। बाहर के मजदूरों को बसों के जरिए प्रदेश की सीमा पर छोड़ा जा रहा है। इसके लिए 375 बसें लगाई गई हैं। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना आवश्यक मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए हमें अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा। आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से इसे बढ़ाया जा सकता है। प्रदेश में एक विशेष आयुर्वेदिक काढ़ा त्रिकटु के लगभग 1 करोड़ 75 लाख पैकेट्स वितरित किए गए हैं। इसके अलावा गांव-गांव में हमारे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, पटवारी, पंचायत सचिव लोगों को जागरुक कर रहे हैं। वित्तीय संकट है, पर सामना करेंगे चौहान ने कहा- इस समय केन्द्र और राज्य दोनों पर वित्तीय संकट है। टैक्स नहीं आ रहा है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार ने राज्य को मनरेगा के 661 करोड़ और एनडीआरएफ की 910 करोड़ की राशि भिजवाई है। राज्य के लिए यह बड़ी मदद है। मजदूरों को लाने के लिए ट्रेन का 85 प्रतिशत खर्चा केन्द्र सरकार दे रही है। हमने प्रदेश में मनरेगा समेत विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य शुरू करके मजदूरों को रोजगार दिया है। छोटे, कुटीर और ग्रामोद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक रजिस्टर, एक रिटर्न, एक विंडो मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने मजदूरों के हितों को सुरक्षित रखते हुए श्रम कानून में परिवर्तन किया है। उद्योगों को कई प्रकार की सहूलियतें दी हैं। अब विभिन्न प्रकार के रजिस्टर्स के स्थान पर एक रजिस्टर रखने, एक रिटर्न भरने और सिंगल विण्डो की सुविधा मिलेगी। ये सुधार मध्यप्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करने में सहायक होंगे।