रीवा(ईन्यूज एमपी)- रीवा एवं शहडोल संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने नगर पालिक निगम के आयुक्त से कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु उपरांत शव अधजला छोड़ने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा है कि शव के निपटान जैसे संवेदनशील विषय में गंभीरता न बरतते हुए लापरवाही की गई है तथा मानवीय संवेदना एवं जन सामान्य की भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा गया है। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिये हैं कि इस कार्य हेतु दायित्वधीन अधिकारी अथवा कर्मचारी का समाचार पत्र में प्रकाशित आरोपों की जांच कर उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए प्रतिवेदन दो दिवस में प्रस्तुत करें। साथ ही दूसरी बार शव को जलाने हेतु किन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी और क्वारेंटाइन करने की क्या व्यवस्था की गई थी इसका भी प्रतिवेदन में उल्लेख करें। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा है कि विगत दिवस समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार में सतना जिले के कोटर तहसील अन्तर्गत ग्राम खम्हरिया निवासी हीरालाल सिंह पिता सीताराम सिंह को कोरोना वायरस का संक्रमित पाये जाने के उपरांत उन्हें गत 4 मई को सतना से रीवा श्यामशाह मेडिकल कालेज उपचार के लिए लाया गया था। जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके अंतिम संस्कार में निगमकर्मियों द्वारा आवश्यक सावधानी न रखते हुए अधजला शव, टाईबैग, एवं पीपीई किट सहित वहां से छोड़कर चले गये। इस लापरवाही के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ सकता था। सोशल मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद अधजले शव को पुन: जलाने के लिए कुछ कर्मचारियों द्वारा दोबारा लकड़ी डाली गई। जिन लोगों ने शव का दाह संस्कार किया उनके क्वारेंटाइन की उचित व्यवस्था भी नहीं की गई थी। वंही इस पूरे मामले में कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने सहायक आयुक्त नगर पालिक निगम श्रीमती निधि राजपूत से भी स्पष्टीकरण माँगा गया है| गौरतलब है कि पूरे घटनाक्रम के बाद सहायक आयुक्त नगर पालिक निगम निधि राजपूत द्वारा समाचार पत्र में आपका बयान दर्शित किया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान होने वाली मृत्यु के शव से कोरोना का संक्रमण नहीं फैलता है| जिस पर सज्ञान लेते हुए आयुक्त रीवा द्वारा जारी किये गए स्पष्टीकरण में कहां गया है कि उक्त बयान के संबंध में आपके द्वारा किन तथ्यों/ गाइडलाइन के आधार पर कोरोना वायरस के संक्रमित मृत शरीर से संक्रमण नहीं फैलता ऐसा कहा गया है, इस विषय में आपके द्वारा क्या कोई विशेष प्रशिक्षण, अध्ययन या अनुभव प्राप्त किया है जिससे बयान में दर्शित बातों की सत्यता का पता चल सके। अतएव आप उक्त बयान में कही गई बातों की पुष्टि हेतु जानकारी प्रस्तुत करें अन्यथा यह उपधारणा कायम की जावेगी कि आपने बिना किसी आधारभूत जानकारी के ही समाचार पत्रों में बयान देकर लोक स्वास्थ्य को खतरा पहुंचाने का कार्य किया है।