दमोह(ईन्यूज एमपी)- यहां लॉकडाउन की ड्यूटी कर रहा एक पुलिस कर्मी अपनी बेटी का इलाज नहीं करा पाया। अस्पताल में बेटी की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। पुलिसकर्मी के बेटे की हालत भी गंभीर बनी हुई है। जब पिता को बेटी की यह जानकारी मिली तो वह ड्यूटी छोड़कर अस्पताल पहुंचा। वर्दी में ही पिता बेटी का पीएम कराने पोस्टमाॅर्टम गृह पहुंचा। बेटी की मौत के गम में आरक्षक बार-बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों की मनमानी और छुट्टी नहीं मिलने की बात कह रहा था। लॉकडाउन होने से पुलिस जवानों को छुट्टी नहीं मिल रही है, जिससे वे परिवार का भी ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। पुलिस लाइन निवासी आरक्षक श्रीराम जारोलिया की 14 वर्षीय बेटी राधिका को रविवार सुबह आरक्षक की पत्नी शीला और बेटा हिमांशु जिला अस्पताल लेकर आया, यहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। आरक्षक ने बताया कि उसकी बेटी को 15-20 दिन पहले सर्दी जुकाम था, जिसका इलाज कराकर दवा ली थी तो ठीक हो गई थी। उस समय भी मुझे छुट्टी नहीं मिली थी, एक बार फिर बेटी की तबियत बिगड़ी थी तो अधिकारियों से शहर में ड्यूटी लगाने के लिए बोला था, लेकिन न तो छुट्टी मिली, न ही ड्यूटी शहर में लगाई गई। यदि शहर में ड्यूटी लगाई जाती तो मैं अपने परिवार का ख्याल रख पाता, लेकिन आज भी मेरी ड्यूटी गढ़ाकोटा सीमा पर लगाई गई थी। शुक्रवार सुबह बेटी की तबीयत फिर बिगड़ गई। लेकिन ड्यूटी से टाइम न मिलने के कारण उसका ठीक से इलाज भी नहीं करा पाया। सूचना मिली कि बेटी को लेकर पत्नी और बच्चे अस्पताल गए हैं, तो मैं जिला अस्पताल पहुंचा, तब तक उस0ने दम तोड़ दिया। वहीं, बहन की मौत होने पर भाई हिमांशु की भी तबीयत बिगड़ गई। राधिका दूसरे नंबर की बेटी थी, उससे छोटी एक और बेटी है। आरक्षक ने कहा कि इसके पहले मेरी तबीयत बिगड़ी थी, उस समय छुट्टी मांगी थी। बेटी की तबीयत बिगड़ने पर छुट्टी मांगी थी। आरआई अपने कार्यालय में नहीं बैठते हैं और मनमानी करते हैं। एएसपी और एसपी से बात की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।