भोपाल (ईन्यूज एमपी)- कमल नाथ सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार को दोपहर दो बजे से आहूत किया गया था। लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा इस्तीफा देने की वजह से कांग्रेस, निर्दलीय, बसपा और सपा के विधायक विधानसभा में ही नहीं पहुंचे और कार्यवाही मात्र तीन मिनट में ही पूरी हो गई। इसके बाद विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। विस की विशेष बैठक में हिस्सा लेने के लिए सभी भाजपा विधायक बसों से पहुंचे थे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, डॉ.नरोत्तम मिश्रा विधायकों के साथ सीहोर के ग्रेसेस रिसॉर्ट से ही साथ आए। सभी विधायकों ने सबसे पहले उपस्थित पंजी में हस्ताक्षर किए ताकि यह पुख्ता हो जाए कि भाजपा के सभी विधायक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बुलाई गई सदन की विशेष बैठक में मौजूद थे। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले नियमानुसार घंटी बजाई गई। ठीक दो बजे विधानसभा अध्यक्ष आसंदी पर आए। इस दौरान ट्रेजरी बेंच (सत्ता पक्ष) पूरी तरह खाली थी। अध्यक्ष ने सदन को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की रोशनी में विश्वास मत के लिए विशेष बैठक बुलाई थी। कमल नाथ ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है इसलिए बैठक की उपादेयता समाप्त हो गई है। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इसके पहले सभी वरिष्ठ विधायक अध्यक्ष के कक्ष में भी पहुंचे। सदन में भाजपा विधायकों के साथ नारायण त्रिपाठी और शरद कोल भी मौजूद रहे। त्रिपाठी 16 मार्च को विधानसभा की बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों के साथ मुख्यमंत्री निवास चले गए थे। वे लगातार कमल नाथ से मिलते रहे और मैहर को जिला बनाने की मांग उठाते रहे। कैबिनेट ने मैहर को जिला बनाने की सैद्धांतिक सहमति भी दे दी। इसके मद्देनजर माना जा रहा था कि विश्वास मत के दौरान त्रिपाठी पाला बदल सकते हैं। उधर, ब्यौहारी से विधायक शरद कोल ने भी न सिर्फ उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किए बल्कि सदन की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया।