भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार रहेगी या जाएगी का आज पटाक्षेप हो जाएगा। दोपहर 2 बजे से विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। कांग्रेस की निगाहें मुख्यमंत्री की रणनीति पर टिकी हैं तो भाजपा भी अपने हर दांव के मंथन करने में जुटी है। इस बीच फ्लोर टेस्ट से पहले सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने दावा किया है कि हम फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करेंगे। वहीं, भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने दुष्यंत की पंक्तियां दोहराईं। कहा- विपक्ष के पास बहुमत नहीं है। लेकिन, ताज्जुब है कि वह अब भी मानने को तैयार नहीं। बतादे कि प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच आज तय हो जाएगा कि मध्यप्रदेश में कमल नाथ रहेंगे या शिवराज आएगे । हर पल रंग बदल रही मध्यप्रदेश की सियासत में गुरुवार आधी रात को नया मोड़ आ गया। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के बागी एवं सिंधिया समर्थक 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इसके पहले छह मंत्रियों को बर्खास्त कर विधानसभा से उनके इस्तीफे भी मंजूर किए जा चुके हैं। इस तरह सरकार को संकट में डालने वाले कांग्रेस के सभी 22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए गए। गौरतलब है कि विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 103 सदस्यों का समर्थन चाहिए होगा, क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष के अलावा 205 विधानसभा सदस्य मतदान में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस के 22 बागी विधानसभा के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद अब दल की विधानसभा में संख्या 91 (अध्यक्ष को मिलाकर 92) रह गई है। निर्दलीय, बसपा और सपा के सात विधायकों का समर्थन कमल नाथ सरकार को बरकरार रहता है तो सदस्य संख्या 99 होगी। भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार मुख्यमंत्री कमल नाथ के संपर्क में हैं, इसलिए माना जा सकता है कि वे मतदान में सरकार के साथ रहेंगे। ऐसे में सरकार के पास विधायकों की संख्या 100 हो जाएगी। कमल नाथ सरकार को बहुमत साबित करने के लिए भाजपा के त्रिपाठी के अलावा चार अन्य विधायकों के समर्थन की दरकार रहेगी। जबकी एन सब के बीच भाजपा का दावा है कि अन्य में से तीन विधायक उसके साथ हैं। समाजवादी पार्टी ने भी अपने एक मात्र विधायक राजेश शुक्ला को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है। भाजपा व्हिप जारी कर चुकी है। ऐसी सूरत में पार्टी लाइन के विपरीत मतदान करने वाले विधायकों की सदस्यता जा सकती है। कांग्रेस विधायक दल की ओर से भी व्हिप जारी किया जा चुका है। पार्टी निर्णय के बाहर जाने पर विधायकों की सदस्यता जा सकती है।विधानसभा अध्यक्ष शक्ति परीक्षण के दौरान दोनों दलों को समान मत मिलने की सूरत में ही मतदान करते हैं। सदन की वर्तमान स्थिति - 2 विधायकों के निधन के बाद कुल सीटें = 228 22 बागी और एक भाजपा विधायक शरद कौल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद सदन में सीटें (228-23) = 205 इस स्थिति में बहुमत के लिए जरूरी = 103 भाजपा = 106 (बहुमत से 3 ज्यादा) *कांग्रेस+ = 99 (बहुमत से 5 कम) *कांग्रेस के 92 विधायक रह गए हैं।