भोपाल(ईन्यूज एमपी)-मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मैहर, चाचौड़ा और नागदा को नया जिला बनाए जाने की मंजूरी दी है। मध्य प्रदेश में अब 55 जिले हो गए। कमलनाथ कैबिनेट की 3 दिन में यह दूसरी बार कैबिनेट बैठक थी। इससे पहले रविवार को कैबिनेट की बैठक में संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां और कर्मचारियों के डीए बढ़ाए जाने को लेकर फैसला लिया गया था। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार के कुछ मंत्री शामिल नहीं हो पाए। इनमें उमंग सिंघार, सज्जन वर्मा, तरूण भनोट, लखन यादव, लखन घनघोरिया, जीतू पटवारी, हर्ष यादव के नाम शामिल हैं। ये सभी लोग बेंगलुरु में बागी विधायकों को मनाने गए हैं। सुबह मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस में कुछ विधायकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए थे। नए जिले बनाने के कारण- मैहर: भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी लंबे समय से यह मांग करते आ रहे हैं कि मैहर (सतना) को जिला बनाया जाए। सियासी घटनाक्रम के बीच वे 4 से 5 बार मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। इससे पहले भी वे सीएए को लेकर अपनी पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नजर आए थे। वे खुले मंच से कह चुके हैं कि जो उनके क्षेत्र के विकास की बात करेगा, वे उसके साथ रहेंगे। चाचौड़ा : दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी चाचौड़ा (गुना) को लंबे समय से जिला बनाने की मांग कर रहे थे। वे भी कई बार अपनी ही सरकार को इस मुद़्दे को लेकर घेर चुके हैं। नागदा : नागदा (उज्जैन) से विधायक दिलीप सिंह गुर्जर भी जिला बनाने की मांग कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो 4 बार विधायक बनने के बाद भी मंत्री नहीं बनाए जाने से भी दिलीप सरकार से नाराज हैं। कैबिनेट की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि रजिस्ट्री में ऑनलाइन स्टांप खरीदने वालों को स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसमें स्टांप बेंडर को मिलने वाली डेढ़ प्रतिशत की छूट भी जारी रहेगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार न्यायालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। पहले चरण में जबलपुर के कोर्ट में कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा- मुख्यमंत्री पेयजल योजना, सरदार सरोवर परियोजना समेत अन्य मुद्दों पर भी जरूरी फैसले लिए गए। कर्मचारियों की मांगों के लिए मंत्रियों की कमेटी को अगली कैबिनेट में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री मंत्रालय के लिए तय समय से 20 मिनट बाद सीएम हाउस से निकले। उन्होंने इस बार विक्ट्री साइन नहीं बनाया। सिर्फ हाथ हिलाकर आगे बढ़ गए। इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने और राज्यपाल से मुलाकात के लिए जाते वक्त विक्ट्री साइन दिखाया था। इससे पहले सुबह से सीएम दिल्ली में चल रहे घटनाक्रम पर अपडेट लेते रहे। वहां वरिष्ठ नेताओं से भी चर्चा की।