रायपुर(ईन्यूज एमपी)- छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल में रतनजोत के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा किया गया। ऐसे ही एक मामले में रतनजोत की फर्जी खेती और उत्पादन दिखाकर एक करोड़ दस लाख स्र्पये का गोलमाल करने के मामले में अंबिकापुर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। तीसरा आरोपित पुलिस गिरफ्त से बाहर है। गिरफ्तार आरोपियों में कृषि विभाग के अधिकारी आर के कश्यप पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के ओएसडी रहे हैं। वह रायपुर में निवासरत हैं, जहां से सरगुजा पुलिस ने बीती रात गिरफ्तार किया है। उसके साथ ही कृषि विभाग के सर्वेयर राणा प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।2009 के इस प्रकरण में पुलिस को एक अन्य सर्वेयर राकेश रमण सिंह की तलाश है। पुलिस के अनुसार 2009 में यह प्रकरण अंबिकापुर न्यायालय के निर्देश पर दर्ज हुआ था। मामले के शिकायतकर्ता ने न्यायालय में परिवाद दर्ज कर अपराध कायम करने की मांग की थी। प्रकरण में आरोप है कि बटवाही गाँव से लगे गाँव में रतनजोत का उत्पादन मनरेगा और फूड फार वर्क से दर्शाया गया था, और यह उत्पादन पूरी तरह से फर्जी था।इस पर एक करोड़ दस लाख स्र्पये कागज में ही खर्च कर गोलमाल किया गया। इस संबंध में एसडीओपी ऐश्वर्य चंद्राकर ने बताया कि इसकी जाँच सीआईडी और जांच के लिए गठित एसआईटी ने की थी। बाद तीन लोगों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई करने प्रकरण की डायरी कुछ ही दिन पूर्व थाना लुंड्रा को भेजी गई थी। प्रकरण में अधिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य होने से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सरगुजा एसपी आशुतोष सिंह का कहना है कि पुलिस की टीम एक अन्य अरोपित सर्वेयर राकेश रमण सिंह की तलाश कर रही है। पुलिस ने उसके घर में घेराबंदी किया है। साथ ही मुखबिर को अलर्ट किया गया है। उसके भी जल्द पकड़े जाने का दावा पुलिस कर रही है। बताया गया है कि इस मसले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने विधानसभा में सवाल लगाया है। इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई की है।