भोपाल(ईन्यूज एमपी)- राज्यसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक दिल्ली की जगह भोपाल में हुई। बैठक में राज्यसभा चुनाव के दावेदारों के नाम पर विचार किया गया। संभावना है कि एक पैनल तैयार करके केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश चुनाव समिति की बैठक दीनदयाल परिसर में हुई। मध्य प्रदेश में छाया सियासी घमासान राज्यसभा की रिक्त हो रही उन तीन सीटों को लेकर है, जिन पर 26 मार्च को चुनाव होना है। इस चुनाव में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को एक बार फिर फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा, जिसके लिए भाजपा ने पूरी दमखम के साथ कांग्रेस, बसपा, सपा व निर्दलीय विधायकों को तोड़ने का प्रयास किया था। अब तक के घटनाक्रम से भाजपा की रणनीति फेल होने की तस्वीर सामने आ रही है। राजनीतिक उठापटक की वजह से अभी कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में प्रत्याशी चयन का मुद्दा अधर में लटक गया है। कांग्रेस में अब बाहरी प्रत्याशी की चर्चा कमजोर होने तथा प्रदेश से ही दोनों प्रत्याशियों की अटकलें तेज हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया का नौ अप्रैल को राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो रहा है, जिन्हें भरने के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। इस चुनाव में कमलनाथ सरकार की अग्निपरीक्षा होने वाली है। इसके पहले राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है, जिसमें कथित रूप से भाजपा के कुछ नेताओं पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दो प्रत्याशियों को विधानसभा में मौजूदा संख्या बल के हिसाब से 116 विधायकों के मत चाहिए, जिसमें कांग्रेस को निर्दलीय विधायक और मंत्री प्रदीप जायसवाल सहित दो विधायकों की जरूरत होगी। वहीं, भाजपा को चुनाव में दूसरे प्रत्याशी को खड़ा करने पर उनके अपने विधायकों के अलावा नौ अन्य एमएलए के वोटों की आवश्यकता होगी। इसके लिए ही प्रदेश में सियासी घमासान की स्थिति बनी हुई है।