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Home मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एक्सपर्ट बने टीआरएस के प्राचार्य रामलला शुक्ला, विंध्य का बढ़ाया गौरव..

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एक्सपर्ट बने टीआरएस के प्राचार्य रामलला शुक्ला, विंध्य का बढ़ाया गौरव..




भोपाल(ईन्यूज एमपी) प्रोफेसर रामलला शुक्ल का NAAC में एक्सपर्ट के रूप में नामित होने से आज विंध्यांचल गौरव का अनुभव कर रहा है महाविद्यालयीन प्राध्यापकों के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि उनके बीच का कोई प्राध्यापक NAAC के एक्सपर्ट के रूप में शामिल हुआ है डॉ शुक्ल ने ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा को एक नया आयाम दिया है और प्रदेश स्तर में प्रथम पंक्ति में लाकर के खड़ा किया है यह हमारे लिए गौरव की बात है और अब उनके NAAC पैनल में शामिल होने से निश्चित रूप से अकादमिक संस्थाओं को लाभ होगा
प्रोफेसर शुक्ला हमेशा ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय को अपनी मातृ संस्था मानकर अकादमिक ऊंचाइयों में पहुंचाने का प्रयास इमानदारी से किया है किंतु हमेशा आरोप उनके ऊपर लगते रहे शिकायतें उनकी होती रही जांच उनकी होती रही और प्रत्येक जांच में ईमानदारी के साथ ही वह निष्पक्ष और बेदाग साबित होते रहे आज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद ने जो पुरस्कार विशेषज्ञ रूप के रूप में प्रोफेसर शुक्ल को शामिल करके दिया है उससे लगने लगा है कि काम करने का नतीजा इमानदारी से कहीं ना कहीं मिलता है
सन 2007 में ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय की स्थिति यह हो गई थी कि छात्र संख्या नगण्य हो गई थी तब तत्कालीन प्राचार्य डी एन मिश्र और प्रोफेसर रामलला शुक्ल ने निर्णय लिया की विंध्य के युवाओं को रोजगार परक पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाए और महाविद्यालय में स्व वित्तीय पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई जो अनवरत रूप से अभी भी प्रगति के पथ पर अग्रसर है इन सभी पाठ्यक्रमों से छात्र संख्या में वृद्धि तो हुई ही साथ ही छात्रों को रोजगार मूलक परिणाम भी प्राप्त हुए महाविद्यालय के दोनों NAAC निरीक्षण में ए ग्रेड हासिल करना और प्रदेश में प्रथम स्थान अर्जित करना कोई आसान काम नहीं था डॉक्टर शुक्ल और उनकी टीम विद्यार्थी और महाविद्यालय परिवार ने यह कठिन लक्ष्य प्राप्त कर दिखाया कि सीमित संसाधनों में भी गुणवत्ता के उच्च पायदान पर पहुंचा जा सकता है
महाविद्यालय को पर्यावरणीय उच्च स्तर पर ले जाने मे प्रोफेसर शुक्ल का अथक परिश्रम रहा है आज स्थिति यह है कि विंध्यांचल में यदि पिक्चर बन रही है तो महाविद्यालय के पर्यावरण को उस में दिखाया जाना महत्वपूर्ण हो गया है।

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