ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शुक्रवार को बाल भवन में ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के सभी अधिकारियों की बैठक ली। मंत्री की चिंता स्वर्ण रेखा नाले में पिछले दिनों डूबे एक बालक की माैत को लेकर ज्यादा दिखाई दी। उन्होंने इसके लिए इनविराड कंपनी पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। मंत्री का तर्क था कि यह सब कंपनी और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुआ है। बैठक के दौरान मंत्री तोमर ने बदनापुरा सीवर लाइन को लेकर सब इंजीनियर शिशिर श्रीवास्तव से काम शुरू नहीं होने के संबंध में पूछा तो उन्होंने तकनीकी समस्या का हवाला दिया। उनके जवाब से मंत्री संतुष्ट नहीं हुए। वे कुर्सी से उठकर सब इंजीनियर के पास पहुंचे और शिशिर के पैर छू लिए। इस दृश्य को देख सभी अधिकारी हक्के-बक्के रह गए। बैठक के दौरान मंत्री तोमर ने कार्य में लापरवाही बरतने वाले नगर निगम में बिजली विभाग के प्रभारी देवी सिंह राठौर और जेडओ राजेंद्र शर्मा का तबादला ग्वालियर से बाहर करने के नर्देश दिए। पीएचई के इंजीनियर संदीप श्रीवास्तव को हटाने के लिए प्रमुख सचिव संजय शुक्ला से फोन पर बात की है। मंत्री ने स्वर्ण रेखा में डूबने से बालक रचित की माैत काे लेकर कड़ा रुख दिखाया। उन्होंने इसके लिए इनविराड कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। मंत्री का कहना था कि यह सब कंपनी और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुआ है। उन्होंने ग्वालियर विधानसभा की 35 सड़कों को बनाने के लिए 11 सदस्यीय टीम को गठन किया है। इसमें अपर आयुक्त से लेकर पुलिस अधिकारी और इंजीनियर शामिल हैं। सब इंजीनियर नहीं दिखा सका 40 कर्मचारी : मंत्री ने स्वर्ण रेखा मामले में सब इंजीनियर शिशिर श्रीवास्तव से पूछा कि कितने लोग सफाई के काम में लगे हैं। उनका जवाब था, 40 लोगों से काम लिया जा रहा है। मंत्री बोले- आप मुझे 40 कर्मचारी दिखाओ। अभी बुलाकर लाएंं। बैठक खत्म हो गई लेकिन कर्मचारी नहीं आए।