भोपाल(ईन्यूज एमपी)- राजनीतिक घटनाक्रमों के चलते नेता, कार्यकर्ता, किसान, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के व्यक्तियों पर दर्ज प्रकरणों को कमलनाथ सरकार ने वापस लेने का निर्णय लिया है। विशेष न्यायालय में दर्ज मौजूदा और पूर्व सांसद-विधायकों के साथ नेताओं पर दर्ज 25 प्रकरण अदालत से वापस लिए जा चुके हैं। इसमें विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल हैं। विधानसभा में शरदेंदु तिवारी के सवाल के लिखित जवाब में विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि 30 नवंबर तक सरकार ने 25 प्रकरण अदालत से वापस लिए हैं। मौजूदा और पूर्व सांसद, विधायकों के 210 प्रकरण भोपाल में विशेष न्यायालय में लंबित हैं। कुछ प्रकरण आदेश की स्थिति में हैं तो कुछ में गवाही होनी हैं। उधर, किसान और अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्तियों के ऊपर दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए भी प्रक्रिया चल रही है। इसको लेकर विधानसभा सत्र से पहले गृहमंत्री बाला बच्चन और विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की थी। बताया जा रहा है कि कई मामलों ने लोगों ने केस वापसी के लिए आवेदन ही नहीं किए हैं। जबकि, नियमानुसार जिला स्तरीय पर गठित समिति के सामने आवेदन करने पर ही केस वापसी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। रामेश्वर पटेल, सुखेंद्र सिंह, छोटेलाल सरावगी, गिरिराज दंडोतिया, विजय सिंह पटेल, सुरेंद्र कुमार पटवा, बालमुकुंद सिंह, कुणाल चौधरी, माधव मारू, सौरभ सिंह, विनोद कुशवाह, किरण मुंजारे, कंकर मुंजारे, प्रतिभा सिंह, जालम सिंह पटेल,चंद्रभागा किराड़े, बैजनाथ कुशवाह, मनीष पाठक, अजय सिंह, राघवजी, घनश्याम सिंह, अरुणोदय चौबे, वीरेंद्र रघुवंशी, जीतू पटवारी, गुलाब लोधी, प्रकाशचंद्र शर्मा, मुरलीधर पाटीदार, पंकज त्रिवेदी, रमेशचंद्र दुबे, सुल्तान सिंह, भंवर सिंह शेखावत, राजकुमार उरमलिया, लक्ष्मीकांत शर्मा, गौरीशंकर बिसेन, प्रद्युमन सिंह तोमर, सिद्धार्थ कुशवाह। PolicyContact Us Copyright © 2018. All Rights Reserved ABC Digital CERTIFIED