रीवा(ईन्यूज एमपी)-रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने सीधी जिले के तत्कालीन जिला कोषालय अधिकारी आरडी चौधरी एवं सहायक कोषालय अधिकारी अभयराज सिंह द्वारा अशासकीय मालवीय उ.मा.वि. रामपुर नैकिन के 45 संविदा शिक्षकों का नियम विरूद्ध वेतन एवं 5 करोड़ 24 लाख 28 हजार 416 रूपये की एरियर राशि के देयक का ग्लोवल बजट से आहरित कर भुगतान करने पर विभागीय जांच संस्थित करने हेतु आरोप पत्र जारी किया है। आरोप पत्र का उत्तर देने के लिए 15 दिवस का समय दिया है। संभागीय आयुक्त डॉ. भार्गव ने आरोप पत्र का 15 दिवस में संतोषजनक उत्तर देने के निर्देश दिए हैं। समय सीमा में उत्तर प्राप्त न होने पर एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। कमिश्नर ने अशासकीय मालवीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जिला सीधी के 45 कर्मचारियों को शासन के नियमों की अवहेलना करते हुये 5 करोड़ 24 लाख 28 हजार 416 रूपये के एरियर एवं वेतन का भुगतान करने के संबंध में आरोप पत्र जारी किया है। कमिश्नर ने इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर शासकीय संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय सीधी के प्राध्यापक डॉ. के.एम. नेताम, प्राध्यापक डॉ. आईपी प्रजापति, शा.उ.मा.वि. उपनी के प्राचार्य भगीरथ प्रसाद प्रजापति को आरोप पत्र दिया है। कमिश्नर ने इन सभी को अलग-अलग आरोप पत्र जारी किये हैं। प्राध्यापक आईपी प्रजापति तथा प्राध्यापक के.एम. नेताम ने अशासकीय स्कूल मालवीय विद्यालय को निकाय के अधीन किये जाने तथा स्वीकृत 23 पदों के विरूद्ध 45 शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इनके द्वारा संविदा प्राचार्य राजेन्द्र सिंह जो कि न्यायिक हिरासत में थे, प्रभाकर मिश्रा संविदा वर्ग-1 अतिथि शिक्षक अन्यत्र शा.उ.मा.वि. रामपुर नैकिन में पदस्थ थे, वरिष्ठ अध्यापक नरेन्द्र निगम प्रतिनियुक्ति पर शा.उ.मा.वि. नैकिन में पदस्थ थे, सहायक वर्ग-1 रोशनलाल त्रिपाठी अतिथि शिक्षक अन्यत्र पदस्थ थे, शिवबहादुर सिंह वर्ग-2 माध्यमिक शाला भैसरहा में पदस्थ थे, अनिल सिंह वर्ग-2 शा. कन्या मा.वि. बघवार में पदस्थ थे, विजय निगम अध्यापक प्राथमिक शाला रैदुआरिया खुर्द में पदस्थ थे, दशरथ वैश संविदा वर्ग-3 अन्यत्र पदस्थ थे तथा प्रशांत सिंह ग्रंथपाल 5 फरवरी 2010 से 5 वर्ष के लिए जनपद सदस्य रामपुर नैकिन रहे। इन्होंने दोनों जगह से मानदेय प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के अनुसार शिक्षकों की संख्या गणना नहीं की गई। नियुक्तियों में आरक्षण रोस्टर, वरिष्ठता तथा पद के अनुरूप योग्यता का परीक्षण नहीं किया गया। बिना किसी परीक्षण तथा आवश्यक दस्तावेजों के बिना भी 45 कर्मचारियों के निकाय में नियुक्ति तथा वेतन एवं एरियर्स के भुगतान की अनुशंसा की गई। प्रकरण के संबंध में कलेक्टर सीधी, अपर कलेक्टर सीधी तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को गलत जानकारी दी गई। आरोप पत्र में जिला कोषालय अधिकारी आरडी चौधरी, सहायक कोषालय अधिकारी अभयराज सिंह, प्राध्यापक डॉ. आईपी प्रजापति, प्राध्यापक डॉ. के.एम. नेताम, उपनी के प्राचार्य भगीरथ प्रसाद प्रजापति को पदीय दायित्व का निर्वहन न करने तथा नियम विरूद्ध एरियर्स की राशि अहारित करके उसे भुगतान करने का दोषी पाया गया। इस पूरे प्रकरण की जांच तीन सदस्यीय समिति द्वारा की गई थी।