हाेशंगाबाद(ईन्यूज एमपी)-अवैध रेत परिवहन के मुद्दे पर गुरुवार देर रात होशंगाबाद कलेक्टर शीलेंद्र सिंह की एसडीएम रवीश श्रीवास्तव (डिप्टी कलेक्टर) से जमकर तू-तू-मैं-मैं हुई। रेत डंपरों पर कार्रवाई करने गए एसडीएम को नाराज कलेक्टर ने पहले अपने बंगले पर बुलाया। फिर ऑफिसर्स क्लब की फाइल नहीं देने के साथ ही भाजपा विधायक सीतासरन शर्मा के भतीजे वैभव शर्मा के रेत स्टॉक के बाहर खड़े डंपरों पर कार्रवाई को लेकर एसडीएम से सवाल पूछे। जब बहस बढ़ गई तो कलेक्टर ने एसडीएम को पद से हटा दिया। उनसे सरकारी गाड़ी वापस ले ली। एसडीएम ने जब इसकी लिखित शिकायत प्रमुख सचिव कार्मिक से की तो बात भोपाल में मंत्रालय तक पहुंच गई। दबाव बढ़ा और तीन घंटे बाद कलेक्टर ने एसडीएम को बंगले से पैदल ही जाने दिया। कलेक्टर ने पूरी रिपोर्ट संभागायुक्त को भेजी, जिस पर एसडीएम को नोटिस दे दिया गया। फिलहाल श्रीवास्तव छुट्टी पर चले गए हैं। उनकी जगह रात में ही आदित्य रिछारिया को नया एसडीएम बना दिया गया। बताया गया है कि घटना के वक्त एडीएम केडी त्रिपाठी, तहसीलदार शैलेंद्रसिंह बड़ाेनिया, नायब तहसीलदार ललित सोनी सहित लिपिक और ड्राइवर कलेक्टर बंगले पर मौजूद थे। कुलामड़ी रेत स्टाॅक के लिए खनिज पाेर्टल गुरुवार रात तक चालू था, जबकि सरकार ने इसे शाम को ही बंद कर दिया था। रात में जब स्टॉक पर एसडीएम श्रीवास्तव जांच को पहुंचे तो वहां 50 डंपर खड़े मिले। कार्रवाई के लिए खनिज विभाग के अफसरों को बुलाना चाहा। तभी कलेक्टर ने उन्हें बंगले पर तत्काल बुलवाया। ऑफिसर्स क्लब की फाइल नहीं देने की बात कलेक्टर की ओर से कही गई है। एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे प्रदेश में खनिज पोर्टल बंद करने के निर्देश के बाद भी एक ही फर्म का परमिशन चालू था। इसकी जांच करने गया था। खनिज इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार सहित खनिज अमले काे भी बुलाया था, काेई नहीं आया। कार्रवाई करने से पहले ही कलेक्टर ने बंगले पर बुला लिया। मुझे तीन घंटे तक बंगले पर बंधक बनाकर रखा। साहब की असल नाराजगी रेत की है।