बिलासपुर(ईन्यूज एमपी)- छत्तीसगढ़ के जेल में मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में पेंड्रारोड उपजेल में दो दिन पहले जेल भेजे गए विचाराधीन बंदी की तबीयत बिगड़ गई। जेल प्रबंधन ने उसकी परेशानी को नजरअंदाज कर दिया। लिहाजा संदिग्ध परिस्थितियों में मरवाही थाना क्षेत्र के बदरौड़ी के देवगंवा निवासी रघुनाथ सिंह गोड़ (29) पुत्र केसन सिंह की मौत हो गई। दरअसल आरोपित के खिलाफ छेड़खानी के दो अपराध दर्ज हैं। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। जेल जाने के दूसरे ही दिन मंगलवार की सुबह उसकी तबीयत बिगड़ गई और पेट में दर्द होने की शिकायत की। इस पर उसे जेल प्रबंधन ने साधारण पेट दर्द मानकर उसे इलाज के लिए गौरेला के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र भेजा। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे दवा दिलाकर वापस जेल लेकर आ गए। लेकिन शाम को फिर से उसकी तबीयत बिगड़ गई और असहनीय पेट दर्द होने लगा। इस बार भी जेल प्रबंधन ने उसे उपचार के लिए गौरेला भेजा। उसकी गंभीर स्थिति को देखकर डॉक्टर ने सिम्स रेफर कर दिया। लेकिन बिलासपुर पहुंचने से पहले ही रतनपुर के पास रघुनाथ सिंह की मौत हो गई। गौरेला पुलिस मामले में मर्ग कायम कर जांच कर रही है। वहीं कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने शव का पंचनामा व पोस्टमार्टम कराया। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही युवक के मौत के कारणों का पता चल सकेगा। मृतक रघुनाथ के परिजन का कहना है कि जब पुलिस उसे पकड़ने आई तब उसकी तबीयत खराब थी। दो दिन से उसे बुखार था और पेट दर्द से भी परेशान था। लेकिन पुलिस उनकी एक नहीं सुनी। आरोप है कि पुलिस रघुनाथ को डंडे से धकलते हुए पुलिस वाहन में बैठाकर ले गई। उनका यह भी आरोप है कि पुलिस ने उसके साथ मारपीट की है।