रीवा(ईन्यूज एमपी)-कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव की अध्यक्षता में कमिश्नर कार्यालय में संजय टाइगर रिजर्व सीधी के कोर जोन में पर्यटन वाहनों की धारण क्षमता के निर्धारण एवं पर्यटन प्रबंधन के संबंध में स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने रणनीति बनाकर संजय टाइगर रिजर्व के विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विस्तार से चर्चा की। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संबंधित अधिकारी संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र का भ्रमण कर कलेक्टर के नेतृत्व में कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। पर्यटन के साथ-साथ लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि संजय टाइगर रिजर्व में जैव विविधता भरपूर है जिसे देखने के लिए अधिकाधिक पर्यटक आयें इस दिशा में रणनीति तैयार करें। जैव विविधता को सुरक्षित रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। प्रकृति संरक्षण की अवधारणा को बरकरार रखते हुए कार्य करें। विभिन्न विकास कार्यों को पूर्ण करने के दौरान प्रकृति का मूल स्वरूप बना रहे इस बात का विशेष ध्यान रखें। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश शासन की योजनाओं का लाभ युवाओं को दिलाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत युवाओं को बैंकों से ऋण दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास करें। पर्यटन के क्षेत्र में उपयोग होने वाली जिप्सी, टेंट आदि के व्यवसाय के लिए युवाओं का चयन करें। संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में टाइगर टूरिज्म के अलावा व्लेज टूरिज्म, ईको टूरिज्म आदि को विकसित किया जाये। प्राकृतिक संसाधनों से हट्स बनाकर लोगों को पर्यटन के प्रति आकर्षित करें। बैलगाड़ी एवं स्थानीय भोजन को बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सीधी जिले में गोपद नदी का सौन्दर्य देखने योग्य है। इसके आसपास टेन्ट लगाकर रात्रि टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता है। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए सीधी जिले में पर्यटन के लिए संजय टाइगर रिजर्व के अलावा अन्य स्थानों को भी जोड़ने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो आने वाले पर्यटक, मुकुंदपुर, बांधवगढ़ होते हुए संजय टाइगर रिजर्व देखने भी आयें। शासन द्वारा जारी पर्यटन संबंधी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि संजय टाइगर रिजर्व में पर्यटन को संचालित करने के दौरान वन, वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों तथा संरक्षित क्षेत्रों की परिधि के बाहर के क्षेत्रों के अस्तित्व एवं मूल्यों को सुरक्षित रखें। पर्यटन विकास से संबंधित निर्णयों में ग्राम सभाओं को भी भागीदार बनाया जाये। उन्होंने कहा कि जैव विविधता के महत्व एवं पारिस्थितिकीय तंत्र के संचालन में इनकी अनिवार्यता के संबंध में आम जनता को जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित स्थानीय सलाहकार समिति शासन के दिशा-निर्देशानुसार पर्यटन संबंधी विभिन्न गतिविधियों की समय-समय पर समीक्षा करे। वर्तमान में संजय टाइगर रिजर्व के सभी पर्यटन जोन को मिलाकर पर्यटक वाहनों की अधिकतम मान्य संख्या 80 परिगणित की गई है जिसका बैठक में अनुमोदन किया गया। बैठक में मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी विन्सेंट रहीम, कलेक्टर सीधी अभिषेक सिंह, संयुक्त संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी मनोज कटारिया, एसडीएम कुसमी सुधीर बेक, एसडीएम मझौली एके सिंह, एसडीएम ब्यौहारी पीके पाण्डेय, सहायक संचालक उप वन मण्डलाधिकारी मझौली भरत सिंह गौर, क्षेत्र संयोजक आदिवासी विकास सीधी डीएस परिहार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।