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Home मध्य प्रदेश आरक्षक भर्ती घोटाले में दो को पांच-पांच साल की सजा.....

आरक्षक भर्ती घोटाले में दो को पांच-पांच साल की सजा.....

ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- विशेष सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने आरक्षक भर्ती घोटाले के दो आरोपितों को पांच-पांच साल की सजा सुनाते हुए सात हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। जबकि मीडिएटर की भूमिका निभाने वाले आरोपी को दोषमुक्त कर दिया।

कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति के व्यक्तियों के द्वारा योग्य अभ्यर्थियों को उनके उचित व विधिक अवसरों से वंचित किया जा रहा है। वर्तमान में इस प्रवृत्ति में अत्यधिक बढ़ोत्तरी हो रही है, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की गरिमा व उसकी पवित्रता प्रतिकूलित हो रही है। इससे योग्य छात्रों का शिक्षा की ओर रुझान कम हो रहा है। इन समग्र परिस्थितियों में आरोपियों को कठोर दंड से दंडित किया जाना उचित होगा।


व्यापमं ने 30 सितंबर 2012 को आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजन किया था। पीजीवी कालेज में परीक्षा चल रही थी। लक्ष्मण जाटव की जगह पर बृजेश कुशवाह परीक्षा दे रहा था। हॉल में ड्यूटी देर रहे कर्मचारियों ने रासा शीट देखी तो उसका फोटो व हस्ताक्षर लक्ष्मण जाटव से मैच नहीं खा रहे थे। इसकी सूचना केन्द्राध्यक्ष को दी गई। परीक्षा दे रहे युवक से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका नाम बृजेश कुशवाह है।

उसे परीक्षा देने के लिए जितेन्द्र यादव ने भेजा है। रोल नंबर के साथ ढाई हजार रुपए दिए थे। जनकगंज थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं की जांच सीबीआई को हेंडओवर हो गई। सीबीआई ने इस मामले की ट्रायल पूरी तो कराई पर जितेन्द्र यादव व बृजेश और लक्ष्मण के बीच संबंध नहीं बता पाई।


इस कारण जितेन्द्र यादव को दोषमुक्त कर दिया। जबकि सॉल्वर के रूप में परीक्षा दे रहे आरोपी बृजेश निवासी मुरैना को पांच साल, परीक्षार्थी लक्ष्मण जाटव निवासी ग्राम सिंगाचौरी जिला मुरैना को पांच साल की सजा सुनाई। दोनों पर 7 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर दोनों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। ज्ञात हो जितेन्द्र यादव शासकीय सेवा में था, व्यापमं फंसने के बाद वह सस्पेंड हो गया था।

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