देवास(ईन्यूज एमपी)- बैंक नोट प्रेस में नोटों की छपाई और स्याही बनाने के साथ ही उम्मीद की जा रही थी कि नोट बनाने में उपयोग होने वाला कागज भी यहीं बनेगा, लेकिन ऐसा होता अब संभव नजर नहीं आ रहा। प्रस्तावित पेपर मिल अब न तो देवास में खुलेगी न नासिक में। सूत्रों की मानें तो अब होशंगाबाद स्थित पेपर मिल का ही विस्तार किया जाएगा। उधर, कहा जा रहा है कि पानी की कमी के चलते देवास में पेपर मिल पर विचार नहीं किया गया। उल्लेखनीय है कि सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की देश में एकमात्र पेपर मिल होशंगाबाद में है, जहां नोट छापने में उपयोग होने वाला कागज बनता है। नोट का 80 से 90 फीसदी कागज विदेश से आता है, बाकी का होशंगाबाद में छपता है। करीब तीन साल पहले वित्त मंत्रालय ने नई पेपर मिल खोलने पर विचार किया था। चल रही थी खींचतान अल्ट्रा मॉडर्न पेपर मिल को लेकर देवास और नासिक के बीच खींचतान चल रही थी। मामला लोकसभा तक पहुंच गया था और देवास के तत्कालीन सांसद मनोहर ऊंटवाल ने मामला उठाया था। नोटबंदी में बेहतरीन प्रदर्शन का हवाला देकर देवास ने दावेदारी जताई थी, वहीं नासिक ने कहा था कि मध्यप्रदेश को यह मिल क्यों नहीं मिलना चाहिए। पानी की कमी के चलते हाथ से फिसली देवास में पेपर मिल खोलने के लिए आवश्यक तमाम संसाधन हैं, लेकिन बस कमी पानी की है। बीएनपी के लिए शाजापुर जिले के लखुंदर डेम से पानी आता है। गर्मी के दौरान वहां पानी कम होने से बीएनपी में दिक्कत शुरू हो जाती है। ऐसे में नगर निगम से बीएनपी पानी लेता है। सूत्रों की माने तो पेपर मिल देवास में नहीं खुलने का बड़ा कारण पानी की कमी है।