भोपाल(ईन्यूज एमपी)- सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अफसरों ने एक बार फिर कमलनाथ सरकार की उलझनें बढ़ाई हैं। इस बार अफसरों ने कांग्रेस सरकार के वचन पत्र के खिलाफ विधानसभा में जवाब दिया है। मामला प्रदेश सरकार के 70 हजार से अधिक बाबुओं से जुड़ा है। कांग्रेस ने वचन पत्र में कहा था कि हम बाबुओं को शिक्षकों के समान ग्रेडपे देंगे। इस बारे में जब विधानसभा में सवाल लगा तो सरकार की ओर जवाब दिया गया कि ऐसा कोई विचार नहीं है। इस जवाब के बाद कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं और वे सरकार पर हावी अफसरशाही के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में हैं। मालूम हो, मंत्री उमंग सिंघार और जयवर्धन सिंह ने विस में कांग्रेस की नीति के खिलाफ जवाब दिए थे, तब मामला पौधारोपण और सिंहस्थ घोटाले में भाजपा सरकार को क्लीनचिट देने से जुड़ा था। यह लिखा है वचन पत्र में कांग्रेस के वचन पत्र में 47(20) में कहा गया है कि 'लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को शिक्षकों के समान ग्रेड-पे और वेतन देंगे। सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार ने चुनावी घोषणाओं को पूरा करने के लिए सभी विभागों को वचन पत्र की कॉपी भेजी थी। विधानसभा में मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने जवाब दिया सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित इस वचन से जुड़ा सवाल विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पूछा था कि लिपिकों का ग्रेड-पे बढ़ाने का आदेश कब तक जारी किया जाएगा। विभागीय मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने जवाब दिया कि सहायक ग्रेड-3 का ग्रेड-पे 1900 की जगह 2400 करने का प्रस्ताव वित्त विभाग अमान्य कर चुका है। इसलिए आदेश जारी करने का सवाल नहीं है। हड़ताल का वेतन भी नहीं मिला मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले लगातार 13 दिन हड़ताल की गई थी। तत्कालीन सरकार ने इस अवधि का वेतन काटने का आदेश दिया था। कई कार्यालयों में कर्मचारियों का वेतन काटा भी गया, परंतु उन्हें कटा हुआ वेतन अब तक नहीं मिला है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बारे में घोषणा की थी कि जिनका भी वेतन हड़ताल के कारण काटा गया, उनका वेतन दिया जाएगा। अब तक इसका औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया है।